
भीनमाल, राजस्थान। ( माणकमल भंडारी )
स्थानीय वराहश्याम मंदिर परिसर के सत्संग भवन में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में चतुर्थ दिन कृष्ण लीला का दिव्य वर्णन हुआ। कथा वाचक जितेंद्र तिवारी ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की लीलाओं को जब वर्णित किया तो उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।
पूतना वध से लेकर गोवर्धन धारण तक की झलक

जितेंद्र तिवारी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अकारण करुणा करते हुए पूतना जैसी राक्षसी को भी मुक्ति प्रदान की, क्योंकि उसने माँ का कर्म किया था।
इसके बाद कंस द्वारा भेजे गए राक्षसों जैसे शकटासुर, तृणावर्त, अघासुर, बकासुर और अरिष्टासुर का उद्धार कर बालकृष्ण ने अपने दिव्य रूप का परिचय दिया।
माखन चोरी, गोपियों संग हास्य-विनोद और विश्व दर्शन
कथा में बाल गोपाल की लीलाएं भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं।
गोपियों संग माखन चुराना, बाल सखाओं के संग खेलना और माता यशोदा को दो बार विश्व दर्शन करवाना – इन प्रसंगों ने श्रद्धालुओं के मन को छू लिया।
इंद्र का अभिमान चूर्ण और गोवर्धन धारण
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाई गई, जिससे इंद्रदेव रुष्ट हो गए। उन्होंने मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी, परंतु कन्हैया ने गोवर्धन पर्वत उठाकर सम्पूर्ण ब्रज की रक्षा की।
संतों की उपस्थिति से कथा बनी दिव्य
त्रिवेदी परिवार द्वारा आयोजित इस भागवत कथा महोत्सव का पांचवां दिन श्रद्धा, भक्ति और ज्ञान से सराबोर रहा।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि यह आयोजन पुण्यात्मा जटाशंकर त्रिवेदी की पुण्यतिथि पर हुआ।
शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी ने बताया कि शहर के सत्संग भवन में अनेक संत-महात्माओं और प्रबुद्धजनों की उपस्थिति ने कथा को दिव्यता और भव्यता प्रदान की।
सोशल मीडिया के ज़रिए देशभर में पहुँचा पुण्य
इस कथा का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया पर किया गया, जिससे दूर-दराज के श्रद्धालुओं ने भी पुण्य लाभ लिया।
कथा के माध्यम से लोगों को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के मार्ग की महत्ता बताई गई।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।