
जयपुर, 25 जून 2025
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने देशभर में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भाजपा द्वारा मनाए जा रहे ‘काला दिवस’ कार्यक्रमों पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “जो खुद आज देश में अघोषित आपातकाल चला रहे हैं, वे ही आज 1975 की संवैधानिक आपातकाल पर भाषण दे रहे हैं।”
जूली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए 50 साल पुराने विषयों को उठाकर जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कभी काला धन, कभी 15 लाख का वादा, कभी गंगा सफाई… हर बात ‘जुमला’ ही निकली। अब नया जुमला – ‘Emergency 50 Years’।”
“जो 55 साल तक तिरंगा नहीं फहराते थे, वे आज तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं”
जूली ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “जिनका स्वतंत्रता संग्राम या संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, वे आज संविधान बचाने की बात कर रहे हैं।”
उन्होंने याद दिलाया कि रामलीला मैदान में संविधान की प्रतियां और डॉ. अंबेडकर व पं. नेहरू की तस्वीरें जलाने वालों का आज संविधान प्रेम ढकोसला मात्र है।
“Indira Gandhi के नेतृत्व में भारत बना था वैश्विक शक्ति”
टीकाराम जूली ने कहा कि आपातकाल 1975 में संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत तत्कालीन परिस्थितियों को देखकर लगाया गया था। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी का नेतृत्व भारत के इतिहास का निर्णायक दौर रहा –
- 1971 में बांग्लादेश निर्माण
- पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण
- बैंकों और कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण
- गरीबी हटाओ जैसे जनकल्याणकारी नारे
- हरित क्रांति, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और सोवियत संघ से मैत्री संधि
जूली बोले, “इंदिरा गांधी का योगदान राष्ट्र निर्माण में इतना बड़ा था कि आज तक कोई प्रधानमंत्री उनके जैसी इच्छाशक्ति नहीं दिखा सका।”
“देश पिछले 11 सालों से अघोषित Emergency झेल रहा है”
जूली ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि
“आज की सत्ता ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई जैसी संस्थाओं का राजनीतिक उपयोग कर रही है। विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। संविधानिक संस्थाओं पर दबाव है। नफरत और भय का माहौल बनाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कभी तिरंगा नहीं फहराया, वे अब Tiranga Yatra निकाल रहे हैं और जनता को देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं।
“Indira Gandhi: The Iron Lady of India”
जूली ने कहा कि इंदिरा गांधी को “Iron Lady” यूं ही नहीं कहा गया –
- उन्होंने आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।
- देश की एकता व अखंडता के लिए उन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी।
- उनकी योजनाओं ने भारत की वैज्ञानिक, रक्षा और रणनीतिक शक्ति को मजबूत किया।
📌 Conclusion:
टीकाराम जूली का यह बयान ना केवल आपातकाल पर उनकी राय प्रस्तुत करता है, बल्कि वह यह भी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत आज ‘अघोषित आपातकाल’ जैसे दौर से गुजर रहा है – जहाँ संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।
Author: श्रवण कुमार ओड़

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।