सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व 9 जुलाई से खुलेगा आमजन के लिए, वन विभाग ने जारी की गाइडलाइन

By Shravan Kumar Oad

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Jalore News | Sundha Mata Conservation Reserve Reopens 2025

Sundha Mata Conservation Reserve Reopens 2025

जालोर।
प्रकृति प्रेमियों और श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है। राजस्थान वन विभाग ने अधिसूचना जारी कर बताया है कि सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व को 9 जुलाई 2025 से आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।

पर्यटक अब तयशुदा दरों पर सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक इस क्षेत्र का भ्रमण कर सकेंगे। प्रवेश द्वार खोड़ेश्वर महादेव मंदिर (जाविया) के पास से रहेगा।

उप वन संरक्षक जालोर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

प्रवेश शुल्क तय – सभी कैटेगरीज के लिए दरें घोषित

वन विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार:

  • भारतीय नागरिक: ₹30 प्रति व्यक्ति
  • विदेशी नागरिक: ₹75 प्रति व्यक्ति
  • शैक्षणिक संस्थान के विद्यार्थी (प्राचार्य की अनुशंसा और आईडी के साथ): ₹15 प्रति विद्यार्थी
  • 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और विशेष योग्यजन: निशुल्क

सख्त नियम और प्रतिबंध लागू

रिजर्व की पवित्रता और जैव विविधता की सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं:

  • प्लास्टिक, पॉलिथीन बैग, सिंगल यूज प्लास्टिक, प्लास्टिक बोतलें व कैन पर पूर्ण प्रतिबंध
  • वन क्षेत्र में शराब का सेवन या लेकर जाना सख्त वर्जित
  • बिना वैध टिकट प्रवेश करने पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी

क्या है खास – प्रकृति और श्रद्धा का अद्भुत संगम

सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व अरावली पर्वतमाला की गोद में स्थित एक समृद्ध प्राकृतिक स्थल है, जो जैव विविधता, वन्यजीवों, पक्षियों और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।

हर वर्ष लाखों श्रद्धालु सुंधा माता मंदिर के दर्शन के साथ इस रिजर्व के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने पहुंचते हैं।

वन विभाग की अपील

वन विभाग ने आमजन से आग्रह किया है कि वे:

  • पर्यावरण की रक्षा में सहयोग करें
  • रिजर्व क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखें
  • सभी नियमों और निर्देशों का पालन करें

9 जुलाई के बाद प्रवेश संभव, लेकिन नियमों का पालन अनिवार्य

सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व में अब आप भी प्रकृति के साक्षी बन सकेंगे, लेकिन प्रवेश केवल वैध टिकट और निर्देशों के पालन के साथ ही मान्य होगा

वन विभाग की यह पहल पर्यावरण संरक्षण, धार्मिक आस्था और पर्यटन को एक संतुलित रूप देने की दिशा में सराहनीय कदम मानी जा रही है।

रिपोर्ट: श्रवण कुमार ओड़

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