जालोर में कर्मचारी महासंघ ने 11 सूत्रीय मांगों पर सौंपा ज्ञापन | Employee Union Protest in Jalore

By Shravan Kumar Oad

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Jalore employee protest news

जालोर में Employees Federation का विरोध प्रदर्शन: ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर Collector को सौंपा Memorandum

जालोर (श्रवण कुमार ओड़) – देशभर के केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं कर्मचारी यूनियनों के nationwide strike call के समर्थन में, All Rajasthan State Employees Joint Federation, जिला शाखा जालोर द्वारा एक संगठित प्रदर्शन कर 11-point demands memorandum जिला कलेक्टर को सौंपा गया। इस ज्ञापन को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम भेजा गया।

प्रदर्शन का नेतृत्व महासंघ जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह करनोत ने किया, जिसमें जिले के विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़े कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी शामिल हुए।

🔸 देशव्यापी आंदोलन का जालोर से समर्थन

यह प्रदर्शन central labor unions protest के तहत देशभर में चल रहे anti-labour policies के खिलाफ जन-जागरूकता और सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया। जालोर जिले में भी कर्मचारियों की एकजुटता देखने को मिली और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में सरकार से अपने key demands को तत्काल मानने की अपील की।

🔹 ज्ञापन में उठाई गई मुख्य मांगे (Key Highlights of the Memorandum)

प्रदर्शनकारियों द्वारा सौंपे गए 11-सूत्रीय मांग पत्र में सरकार की श्रम विरोधी नीतियों, निजीकरण, ठेका प्रथा, और कर्मचारियों के खिलाफ लागू की गई नीतियों को रद्द करने की मांग की गई। प्रमुख मांगे इस प्रकार रहीं:

  1. Labour Codes को मजदूर विरोधी बताते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग।
  2. देशभर के सभी कर्मचारियों के लिए ₹26,000 की न्यूनतम वेतन सीमा को लागू करने की मांग।
  3. Contract system और Privatization पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता जताई।
  4. स्कीम वर्कर्स (आशा, आंगनबाड़ी आदि) और temporary employees को permanent करने की मांग।
  5. National Education Policy 2020, Electricity Amendment Bill और Road Safety Act को वापस लेने की बात।
  6. देश में लगातार बढ़ रही महंगाई (Inflation) और बेरोजगारी (Unemployment) पर तत्काल नियंत्रण की मांग।
  7. सभी सरकारी विभागों में vacant posts पर शीघ्र permanent recruitment की मांग।
  8. PFRDA Act को रद्द कर Old Pension Scheme (OPS) लागू करने की मांग।
  9. 8th Pay Commission की जल्द घोषणा।
  10. RGHS scheme में फैले institutional corruption को खत्म कर कर्मचारियों की medical facilities को फिर से बहाल करने की मांग।
  11. कर्मचारियों को स्थाई व सुरक्षित सेवा शर्तें प्रदान करने की दिशा में ठोस नीति लाने की मांग।

🔹 कौन-कौन रहे मौजूद?

इस प्रदर्शन में जिले के प्रमुख कर्मचारी संगठनों और विभागीय संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उपस्थित प्रमुख नामों में शामिल रहे:

  • महासंघ संरक्षक नारायण लाल भट्ट
  • शासकीय शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष व महासंघ उपाध्यक्ष भोपाल सिंह बाला
  • महासंघ खेल मंत्री मून सिंह राठौड़
  • वरिष्ठ शिक्षक जोग सिंह राठौड़
  • नर्सेज एसोसिएशन जिला अध्यक्ष व महासंघ सभा अध्यक्ष शहजाद खान
  • कृषि पर्यावरण संघ जिला अध्यक्ष व महासंघ वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमाराम सोनेल
  • कार्यालय प्रभारी नूर मोहम्मद
  • प्रेम प्रकाश गोदारा, गोपाल सिंह चौहान (पंचायती राज शिक्षक संघ)
  • गोपाल सिंह मंडलावत (शिक्षक संघ शेखावत)
  • राधेश्याम तंवर (सहायक कर्मचारी संघ)
  • भंवर सिंह गहलोत, कैलाश खत्री (कोषाध्यक्ष)
  • तथा अन्य विभागों से जुड़े दर्जनों पदाधिकारी व कर्मचारी।

🔹 कर्मचारी हितों की अनदेखी पर नाराजगी

महासंघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार की pro-privatization policies से कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। New Pension Scheme (NPS) से कर्मचारियों का भविष्य संकट में है और Old Pension Scheme return एक मात्र विकल्प है।

जिला महासंघ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

जालोर जिले में कर्मचारियों का यह संयुक्त विरोध प्रदर्शन न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राज्य सरकार को भी यह संकेत देता है कि सरकारी कर्मचारियों की समस्याएं अब अनदेखी नहीं की जा सकतीं। कर्मचारियों की एकता और उनकी 11 सूत्रीय मांगें अब सरकार के निर्णयों पर प्रभाव डालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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