जालोर में Chaturmas Katha Festival का भव्य शुभारंभ, 11,000 महिलाओं की Kalash Yatra से गूंज उठा शहर, 8 अगस्त तक चलेगा Shravan Maas आयोजन

By Shravan Kumar Oad

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Chaturmas Katha Festival
Chaturmas Katha Festival

जालोर (श्रवण कुमार ओड़)। शनिवार का दिन जालोर के लिए एक ऐतिहासिक और spiritually vibrant क्षण बन गया, जब Sanatan Dharma Chaturmas Seva Samiti के तत्वावधान में Shravan Maas Chaturmas Katha Festival का शुभारंभ Bhakt Singh Stadium से हुआ।

उद्घाटन के अवसर पर निकली 11,000 से अधिक महिलाओं की Kalash Yatra ने शहर को devotional unity के रंग में रंग दिया। पारंपरिक लाल साड़ियों में सजी महिलाओं और श्रद्धालु पुरुषों का यह महासागर, भक्त प्रह्लाद चौक से रवाना होकर बड़ी पोल, घाचियों की पिलानी, तिलक द्वार, अस्पताल चौराहा होते हुए स्टेडियम तक पहुंचा। मार्ग में जगह-जगह flower shower, मंगल घोष और भजनों के साथ नगरवासियों ने इस religious procession का आत्मीय स्वागत किया।

कथा का केंद्रबिंदु: पूज्य शांतिनाथ जी महाराज की कृपा

Pujya Shantinath Ji Bawsi Maharaj

युवाचार्य स्वामी अभयदास जी महाराज ने कथा के प्रथम दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा –

“जालोर में धर्म का यह अद्भुत विस्तार, Pujya Shantinath Ji Bawsi Maharaj और Bhagwan Jalandharnath Ji की कृपा का प्रत्यक्ष प्रमाण है। यहाँ जो धार्मिक ऊर्जा फैली है, वह संतों की तपस्या और आशीर्वाद की ही देन है।”

उन्होंने आगे बताया कि इस आयोजन के मुख्य divine hosts भी यही पूज्य संत हैं, जिनकी प्रेरणा और छत्रछाया में यह spiritual awakening संभव हो पाई है।

28 दिवसीय धार्मिक आयोजन का क्रम

इस Chaturmas Katha Festival के अंतर्गत श्रद्धालुओं को रोजाना अलग-अलग प्रसंगों में Bhakti Ras का अनुभव होगा:

दिनांकप्रसंग
12 – 18 जुलाईश्रीमद्भागवत कथा
19 – 23 जुलाईनानीबाई का मायरा
24 जुलाई – 1 अगस्तमीरा चरित्र कथा
2 – 7 अगस्तबाबा रामदेव लीला
8 अगस्तसमापन व भामाशाह सम्मान समारोह

साथ ही Shravan Maas Mondays को भगवान शिव का Rudrabhishek और विशेष अनुष्ठान होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होंगे।

राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की मौजूदगी

Kalash Yatra

इस religious gathering में शहर की जानी-मानी हस्तियों ने सहभागिता की। मुख्य रूप से उपस्थित रहे –
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, भामाशाह हनुमानाराम घाची, रवि सोलंकी, सुरेश सोलंकी, ललित सुन्देशा, अम्बालाल व्यास, दिनेश बारोट और अचल सिंह परिहार दो नाम जोड़ा, जितु सिंह, रतन सुथार, अशोक गुर्जर, नाथू सिंह, दिलीप महावर, मोहन माली, गीता बारोट, अर्चना गहलोत, उर्मिला दर्जी आदि।

श्रद्धा और संस्कृति का संगम

यह आयोजन केवल एक religious event नहीं, बल्कि Sanatan Sanskriti के revival का प्रतीक बन चुका है।
Saint discourse, Kalash Yatra और Bhakti Sangeet के माध्यम से समाज में unity, cultural harmony और spiritual transformation की लहर स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।

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