आदिवासी अंचलों में बदलाव की शुरुआत: जालोर में ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ पर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित

By Shravan Kumar Oad

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Orientation workshop on Aadi Karmyogi Abhiyan held in Jalore, officials discuss development plans for 91 tribal villages

जालोर, 4 सितंबर 2025।
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में एक जिला स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने की।

इस अभियान के तहत जिले के 91 चयनित गांवों को 17 विभागों की 25 प्रमुख योजनाओं के अभिसरण से समग्र विकास की राह पर आगे बढ़ाया जाएगा।

क्या है ‘आदि कर्मयोगी अभियान’?

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नंदकिशोर राजोरा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया यह अभियान, जनजातीय क्षेत्रों में जिम्मेदार शासन और अंतिम छोर तक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की एक राष्ट्रीय पहल है।

देशभर के एसटी बाहुल्य एक लाख गांवों में 20-20 लोगों को ‘आदि कर्मयोगी’, ‘आदि सहयोगी’ और ‘आदि साथी’ के रूप में चयनित किया जा रहा है।

ग्राम पंचायत स्तर पर—

  • ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम, कृषि पर्यवेक्षक, पशुधन सहायक, प्रधानाध्यापक, जलदाय और विद्युत विभाग के कर्मचारी ‘आदि कर्मयोगी’ की भूमिका निभाएंगे।
  • वहीं, युवा, शिक्षक, चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि ‘आदि सहयोगी’ और ‘आदि साथी’ के रूप में चुने जाएंगे।

ग्राम स्तर पर सेवा केंद्र

मास्टर ट्रेनर आरसीएचओ डॉ. राजकुमार बाजिया ने बताया कि प्रत्येक चयनित गांव में आदि सेवा केंद्र स्थापित होंगे। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, कृषि और पंचायत राज जैसे विभागों के अधिकारी सप्ताह में एक दिन मौजूद रहेंगे और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेंगे।

साथ ही स्थानीय परंपराओं, पूजा स्थलों, तालाबों, चारागाहों और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण व विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा।

2047 के भारत का विजन

इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ योजनाएं पहुंचाना नहीं, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में जनजातीय अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आजीविका, जल प्रबंधन और सुशासन की चुनौतियों को दूर करना है।

मास्टर ट्रेनर एसीबीईओ प्रकाश चौधरी ने कहा कि यह अभियान प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं बल्कि जनभागीदारी से प्रेरित सामाजिक आंदोलन है, जिसका मकसद है आत्मनिर्भर ग्रामीण नेतृत्व तैयार करना और जनजातीय क्षेत्रों में वास्तविक बदलाव लाना।

कार्यक्रम में शामिल अधिकारी

कार्यशाला में जिला परिषद की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिदंबरा परमार, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक अशोक विश्नोई, डीओआईटी के संयुक्त निदेशक कपिल लूणा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गिरधर सिंह सोढा समेत कई विभागीय अधिकारी और कार्मिक उपस्थित रहे।

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