जालोर में अभयदास महाराज कथा विवाद गहराया, समर्थकों पर FIR, राज्यपाल के रूट में बाधा

By Shravan Kumar Oad

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जालोर।
श्रावणमासीय कथा को लेकर अभयदास महाराज विवाद अब टकराव की स्थिति में पहुंच गया है।
गुरुवार को कथा आयोजन की अनुमति की मांग पर कलेक्ट्रेट के बाहर हुए उग्र प्रदर्शन के बाद पुलिस ने पहली FIR दर्ज की है।

एफआईआर में राजकार्य में बाधा, पथराव की कोशिश और पुलिस पर बोतल फेंकने जैसी गंभीर धाराएं शामिल की गई हैं।

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राज्यपाल के रूट में हुआ अवरोध, प्रशासन ने बदला रास्ता

प्रदर्शन के दौरान सबसे बड़ा घटनाक्रम तब सामने आया जब राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का काफिला प्रदर्शनकारियों के कारण प्रभावित हो गया।
उनके प्रस्तावित रूट को अवरुद्ध कर दिया गया, जिसके चलते प्रशासन को रूट बदलकर राज्यपाल को सर्किट हाउस पहुंचाना पड़ा।

महिलाओं ने तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस पर फेंकी बोतलें

प्रदर्शन में महिलाओं की बड़ी संख्या शामिल थी।
उन्होंने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की और बोतलें व पत्थर फेंकने के आरोप भी सामने आए।
हालांकि, कोतवाली थानाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि अभी किसी को नामजद नहीं किया गया, लेकिन जांच जारी है।

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पुलिस का लाठीचार्ज से इनकार, पर माहौल रहा तनावपूर्ण

श्रद्धालुओं का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई लाठी नहीं चलाई गई, केवल भीड़ को तितर-बितर किया गया।

🕉 अनुमति न मिलने पर भड़के समर्थक, कथा के लिए लगातार मांग

जालोर सनातन महोत्सव समिति द्वारा 11 जुलाई से शुरू की गई अभयदास महाराज की कथा को
15 जुलाई को कथित विवादित बयान के बाद रोका गया।
20 जुलाई को महाराज को जालोर से उनके आश्रम भेज दिया गया।
अब समर्थक कथा की पुनः अनुमति और महाराज की वापसी की जोरदार मांग कर रहे हैं।

प्रशासन बनाम आस्था, स्थिति बेहद संवेदनशील

कथा समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव ने स्थिति को अत्यधिक संवेदनशील बना दिया है।
एक तरफ प्रशासन कह रहा है कि कानून व्यवस्था से समझौता नहीं होगा,
तो दूसरी ओर श्रद्धालु इसे धार्मिक अधिकारों का हनन बता रहे हैं।

निष्कर्ष: क्या जालोर को मिलेगा समाधान या बढ़ेगा टकराव?

यह विवाद अब सिर्फ एक धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं रहा,
बल्कि यह प्रशासनिक निर्णय, सामाजिक समरसता और धार्मिक भावनाओं के बीच संतुलन का प्रश्न बन गया है।
FIR दर्ज होने के बाद मामला और भी संवेदनशील हो गया है।

अब देखना है कि क्या प्रशासन अनुमति देगा या यह विवाद और गहराएगा?

रिपोर्ट : श्रवण कुमार ओड़ | जालोर न्यूज़
(जनहित की खबर, संपूर्ण तथ्यों सहित)

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