
जालोर/सिरोही/जोधपुर, 26 जुलाई 2025:
राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार को सिरोही जिले में तैनात परिवहन निरीक्षक सुजानाराम चौधरी के छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर राज्यभर में खलबली मचा दी है। जांच में सुजानाराम चौधरी की संपत्ति उसकी घोषित आय से 201% ज्यादा पाई गई—ACB के मुताबिक, उसके पास करीब ₹2.5 करोड़ अवैध संपत्ति और जमीन-जायदाद के कागजात मिले हैं।
करोड़ों की अवैध संपत्ति, आलीशान प्रॉपर्टी, बैंक अकाउंट्स में संदिग्ध ट्रांजेक्शन
ACB टीम की छानबीन में सामने आया:
- सुजानाराम चौधरी ने भीनमाल, माउंट आबू, जालोर और जोधपुर सहित अनेक स्थानों पर 15 से ज्यादा मकान, भूखंड और व्यवसायिक संपत्तियां बना लीं, जिनकी बाजार कीमत ₹3.35 करोड़ से भी ज़्यादा आंकी गई है।
- 7 अलग-अलग बैंकों में खुद और परिजनों के नाम अकाउंट; इन खातों में करोड़ों के संदिग्ध लेनदेन और करीब ₹12 लाख का करंट बैलेंस मिला।
- छापेमारी के दौरान आलीशान कोठियों, गोपनीय दस्तावेजों, जायदाद की रजिस्ट्री, बैंक स्टेटमेंट और डिजिटल डेटा की जब्ती हुई।
- सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर सुजानाराम ने “लोकल लुटेरा” की तरह करोड़ों की बेनामी दौलत बनाई, रियल एस्टेट, लग्ज़री सामान, 21 ब्रांडेड AC, फर्नीचर और परिवार के नाम पर निवेश किया।
एक साथ छह ठिकानों पर तेज एक्शन: कहां-कहां मारी रेड?
ACB के ASP खींव सिंह के नेतृत्व में हुई कार्रवाई के बड़े ठिकाने—
- भीनमाल, जालोर (ग्राम कुशालपुरा, पैतृक आवास)
- जोधपुर (पाल, आशापूर्णा सिटी; चौपासनी हाउसिंग बोर्ड; मसूरिया, शास्त्रीनगर)
- माउंट आबू (अड्डा लकड़ा योजना)
- जिला परिवहन कार्यालय, सिरोही
सभी ठिकानों पर एक साथ रेड और दस्तावेज जब्त किए गए।
चौंकाने वाली संपत्ति व्यवस्था की कमजोरी का आईना
यह मामला केवल रिश्वत तक सीमित नहीं, बल्कि सुनियोजित संपत्ति तंत्र, ट्रांसफर-पोस्टिंग, जाली रजिस्ट्रियां और भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर करता है। सवाल उठता है:
- क्या ट्रांसफर, प्रमोशन, वार्षिक संपत्ति विवरण में जानबूझकर गड़बड़ी हुई?
- क्या परिवहन/आरटीओ विभाग में रीयल टाइम ऑडिट, पारदर्शी प्रक्रिया, रैंडम ट्रांसफर पॉलिसी जैसे सख्त रिफॉर्म जरूरी नहीं हो गए हैं?
- जानें अब तक क्या-क्या मिला?
-आरोपी अफसर की 2.50 करोड़ की संपत्तियों का पता चला है, जो वैध आय से करीब 201 प्रतिशत अधिक है।
-आरटीओ इंस्पेक्टर के भीनमाल, माउंटआबु, जालोर, जोधपुर में करीब 15 आवासीय व्यवसायिक मकान, दुकान व भूखंड मिले है, जिनकी कीमत तीन करोड़ पैतीस लाख रूपए है।
-संदिग्ध अधिकारी व परिवारजनों के 7 बैंकों में खाते से करोड़ों रुपए लेनदेन का पता चला है। साथ ही आरोपी अफसर के खाते में 12 लाख रुपए का बैलेंस मिला है।
ACB की आक्रामक रणनीति: सिस्टम को कड़ा संदेश
ACB इस केस को मिसाल बनाकर ये साफ संकेत दे रही है कि अब कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगी, पावरफुल ऑफिसरों पर भी सीधा शिकंजा कसा जाएगा। सिस्टम का दुरुपयोग करनेवाले अफसरों को सीधा चेतावनी।
आगे क्या?
- अब सुजानाराम चौधरी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज है।
- ट्रांसफर रिकॉर्ड, परमिट स्वीकृति, वाहनों की पासिंग समेत पुराने सभी रिकॉर्ड्स की छानबीन जारी है।
- करीबी रिश्तेदारों के बैंक खातों और निवेश की भी जांच चल रही है।
अंतिम सवाल: कब मिलेगा सुधार और पारदर्शिता?
यह कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि तंत्र की अनेक खामियों का आईना है। अगर शिकायतकर्ता आगे नहीं आता और ACB सक्रिय न होती, तो सरकार की “लोकल लूट” कभी उजागर नहीं होती। अब वक्त है केवल कार्रवाई का नहीं, बल्कि सिस्टम सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही का!

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।