
चितलवाना (जालोर):
राजस्थान के जालोर जिले के चितलवाना उपखंड क्षेत्र के बोरली गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय इन दिनों खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। 30 साल पुराने इस भवन की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि हर बारिश के मौसम में यह जानलेवा बन जाता है।
बारिश में टपकती छत और भरे हुए कमरे
विद्यालय में कुल 6 कमरे हैं, जिनकी छतों से बारिश के दौरान लगातार पानी टपकता है। स्थिति इतनी गंभीर है कि कमरों में पानी भर जाता है, जिससे विद्यार्थियों को स्कूल से छुट्टी देनी पड़ती है। यह स्थिति बच्चों की पढ़ाई को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
हर दिन का डर – कब गिर जाए छत या दीवार
स्थानीय लोगों और स्टाफ के अनुसार, हादसे का खतरा हर वक्त बना रहता है।
भवन की दीवारों में गहरी दरारें आ चुकी हैं और छत से प्लास्टर गिर रहा है। इन हालातों में किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
भामाशाह से शुरूआत, सरकार से कोई मदद नहीं
करीब 30 साल पहले एक भामाशाह द्वारा इस स्कूल भवन का निर्माण कराया गया था, जिसमें 5 कमरे बनाए गए थे। बाद में सरकार की विभिन्न योजनाओं से 4 और कमरे बने, लेकिन समय के साथ बिना मरम्मत के सभी कमरे जर्जर हो चुके हैं।
प्रधानाध्यापक ने जताई चिंता, फिर भी कोई सुनवाई नहीं
प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार ने बताया कि भवन की स्थिति को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों को लिखित में सूचना दी गई है। ग्रामीणों से भी सहयोग की अपील की गई, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही जागेगा सिस्टम?
गांव के लोग और स्कूल स्टाफ अब इसी चिंता में जी रहे हैं कि कहीं कोई गंभीर हादसा ना हो जाए। यदि समय रहते भवन की मरम्मत नहीं करवाई गई, तो यह स्कूल बच्चों के लिए शिक्षालय नहीं, बल्कि खतरे की जगह बन जाएगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।