
कालंद्री (सिरोही):
न्याय एवं सामाजिक अधिकारिता विभाग और ग्रामीण उत्थान मानव संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम पंचायत हालीवाड़ा में नशा मुक्ति और पुनर्वास अभियान का आयोजन किया गया। इस दौरान नशा मुक्ति केंद्र कालंद्री की टीम से नटवर सिंह ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा,
“नशे को परोसना कोई प्रथा नहीं है, बल्कि युवाओं को विनाश की आग में झोंकना है।“
शादी या त्योहारों में नशा परोसना – एक सामाजिक अपराध
नटवर सिंह ने कहा कि शादी समारोह, मेलों, ढूंढ उत्सवों और धार्मिक आयोजनों में नशा परोसना समाज को गुमराह करने जैसा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे परिवार टूटते हैं, रिश्ते बिगड़ते हैं और युवा नशे की लत में फंस जाते हैं।
“सिर्फ एक व्यक्ति के नशे का शिकार बनने से पूरा परिवार और समाज प्रभावित हो जाता है,” उन्होंने कहा।
नशे की संगत से दूर रहें, इलाज मुफ्त उपलब्ध
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि जो लोग नशे की चपेट में हैं, उन्हें कालंद्री स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया जाए,
जहां उन्हें निःशुल्क उपचार, दवाई, भोजन और आवास की सुविधा दी जाती है।
इस पहल का उद्देश्य संपूर्ण ग्राम समाज को नशे के दुष्चक्र से बाहर निकालना है।
ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता की पहल
इस अभियान में रोजगार सहायक हकमाराम ने सभी ग्रामीणों को नशा मुक्त रहने की शपथ दिलाई।
वहीं एलडीसी ईश्वर राहपुरोहित ने व्यसन मुक्ति के पेम्पलेट्स का वितरण किया।
ग्राम पंचायत हॉलीवाड़ा के प्रशासक शांतिलाल पुरोहित ने नशा मुक्ति टीम का आभार जताते हुए घोषणा की कि
ग्राम पंचायत क्षेत्र में हर गली-मोहल्ले में जागरूकता पोस्टर लगाए जाएंगे।
नशा नहीं, नई पीढ़ी का निर्माण करें
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यही था कि समाज यह समझे कि नशा केवल एक लत नहीं, बल्कि सामाजिक बर्बादी की जड़ है।
अब समय आ गया है जब हम सब मिलकर इस खतरनाक प्रवृत्ति के खिलाफ खड़े हों और एक स्वस्थ व जागरूक समाज का निर्माण करें।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।