
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण के संदेश को आत्मसात करते हुए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत लाखणी गाँव के महादेव पब्लिक स्कूल में मंगलवार को वृक्षारोपण एवं रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। यह अभियान माय भारत युवा केंद्र, जालोर के तत्वावधान में चलाया गया, जिसका उद्देश्य सिर्फ वृक्ष लगाना ही नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से पर्यावरण से जुड़ाव बनाना भी था।
वृक्षारोपण से शुरू हुआ प्रकृति से संवाद
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय प्रांगण में प्रधानाध्यापक उदय सिंह और पंचायत समिति सदस्य अंबाराम पुरोहित द्वारा वृक्षारोपण से हुई। विद्यार्थियों ने भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया और पौधे लगाकर पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया।
रचनात्मक प्रतियोगिताओं में दिखी बच्चों की सोच
🔹 चित्रकला प्रतियोगिता
बच्चों ने पर्यावरण, पेड़, माँ और प्रकृति पर आधारित रचनात्मक चित्रों के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत किया।
🔹 स्लोगन प्रतियोगिता
“धरती को बचाना है, हर बच्चे को पेड़ लगाना है”, जैसे स्लोगनों ने सबका ध्यान खींचा। इस दौरान विद्यार्थियों ने ऐसे संदेश दिए जो मन को झकझोरते हैं और हर नागरिक को जागरूक बनाते हैं।
आयोजन में सहभागिता
इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक सौरभ शर्मा, महेंद्र सिंह, प्रकाश कुमार, अर्जुन लोढ़ा, श्रवण कुमार, हितेश जी, और रेणुका दवे, भावना वैष्णव, शारदा, ममता, काजल सहित समस्त विद्यार्थी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया और “हर पेड़ एक माँ के आशीर्वाद जैसा” भाव जगाया।
अभियान का संदेश: प्रकृति से रिश्ता, माँ के नाम
“एक पेड़ माँ के नाम” केवल एक वृक्षारोपण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक पहल है जो प्रकृति और मातृत्व को एक सूत्र में बाँधती है। यह अभियान नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण का जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
निष्कर्ष: लाखणी से निकली हरियाली की प्रेरणा
यह आयोजन केवल स्कूल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे समाज को यह संदेश दे गया कि “यदि माँ का प्यार अमूल्य है, तो पेड़ उसकी छाया हैं।” अब जरूरत है इस पहल को घर-घर, गाँव-गाँव तक पहुंचाने की।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।