
राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने एक महत्त्वपूर्ण और व्यापक सुधारात्मक कदम उठाते हुए जिले में डोर-टू-डोर सर्वे, आधार सीडिंग, ई-केवाईसी और गिव अप अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ाया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल उन्हीं जरूरतमंद परिवारों को मिले, जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
जयपुर मुख्यालय से आए उपायुक्त (चतुर्थ) चंदीराम जसवानी ने 21 से 25 जुलाई 2025 तक जालोर जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर अभियान की जमीनी स्थिति की समीक्षा की और राशन डीलर्स को विशेष निर्देश दिए।
राशन डीलर्स को निर्देश: पात्रता की जांच और अपात्रों को समझाइश अनिवार्य
उपायुक्त जसवानी ने 21 से 23 जुलाई के बीच आयोजित उचित मूल्य दुकानदारों की बैठक में स्पष्ट किया कि हर राशन डीलर को डोर-टू-डोर सर्वे करना होगा। इसके अंतर्गत वे परिवारों की:
- आधार सीडिंग
- ई-केवाईसी प्रक्रिया
- और गिव अप अभियान से जुड़ाव की स्थिति की जांच करेंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि जिन लाभार्थियों ने आगामी तीन महीनों में ई-केवाईसी नहीं करवाई, उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर कर दिया जाएगा। विशेष रूप से बैरठ, बागरा, उम्मेदाबाद, भंवरानी जैसे गांवों में जहां आधार सीडिंग की प्रगति धीमी है, वहां सघन डोर-टू-डोर सर्वे का आदेश दिया गया।
‘गिव अप अभियान’ का असर: हजारों परिवारों ने छोड़ा खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ
जिला रसद अधिकारी आलोक झरवाल ने जानकारी दी कि अब तक 55,263 लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना से नाम वापस लिया है। पिछले पांच दिनों में ही 972 परिवारों ने योजना का त्याग किया है।
इससे स्पष्ट होता है कि गिव अप अभियान को जनता का सहयोग मिल रहा है और इसका सीधा लाभ वास्तव में ज़रूरतमंद परिवारों को मिल सकेगा।
31 अगस्त तक चलेगा विशेष अभियान, डीलर्स की जवाबदेही भी तय
अभियान के अंतर्गत 31 अगस्त 2025 तक यह सुनिश्चित किया जाएगा कि:
- सभी पात्र परिवारों की ई-केवाईसी और आधार सीडिंग पूर्ण हो
- सक्षम व्यक्ति योजना का लाभ न लें
- और राशन डीलर्स पारदर्शिता से कार्य करें
जो राशन डीलर्स इस अभियान में सहयोग नहीं करते या सक्षम परिवारों से जुड़े रहते हैं, उनके विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
ब्लॉक स्तर पर हुई बैठकों में डीलर्स ने जताया सहयोग
जिले के जालोर, आहोर, सायला, भीनमाल, जसवंतपुरा, रानीवाड़ा, बागोड़ा, सांचौर, सरनाऊ और चितलवाना ब्लॉकों में राशन डीलर्स के साथ बैठकें आयोजित की गईं। इनमें उन्हें अभियान के सभी चरणों की जानकारी दी गई और कार्यों की जिम्मेदारियों के प्रति सजग किया गया।
इन बैठकों में 702 अतिरिक्त परिवारों ने अब तक योजना से नाम वापस लिया है। विभाग ऐसे और भी सक्षम परिवारों की पहचान कर रहा है, जो योजना का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।
अपात्र लाभार्थियों से होगी वसूली, डीलर्स पर भी कड़ी नजर
विभाग ने साफ कर दिया है कि:
- जो व्यक्ति स्वेच्छा से योजना से बाहर नहीं होते, उनसे वसूली की जाएगी
- साथ ही प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी
- जो राशन डीलर्स जानबूझकर ऐसे लोगों से जुड़े रहेंगे, उन पर भी कठोर कार्यवाही की जाएगी
निष्कर्ष: पारदर्शी वितरण प्रणाली की ओर मजबूत कदम
राज्य सरकार का यह अभियान पात्रता आधारित लाभ वितरण प्रणाली को मज़बूत करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल वास्तव में जरूरतमंद लोगों को सहायता मिलेगी, बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
‘गिव अप’ अभियान, ई-केवाईसी, और आधार सीडिंग के समन्वित प्रयासों से एक नई सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी का संदेश भी जा रहा है।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।