
2025 के गुजरात विधानसभा By-Elections ने राज्य की राजनीतिक दिशा में एक नया मोड़ ला दिया है। कुल दो सीटों – Visavadar और Kadi – पर हुए इन उपचुनावों के नतीजे सामने आ चुके हैं, और इससे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस की स्थिति राज्य में लगातार कमजोर होती जा रही है। जहां एक तरफ AAP ने विसावदर से वापसी की है, वहीं BJP ने कड़ी सीट पर अपनी पकड़ और मजबूत की है।
विसावदर सीट – AAP’s Comeback
ગુજરાતના જૂનાગઢ જિલ્લાની વિસાવદર બેઠક પર આમ આદમી પાર્ટીના વરિષ્ઠ નેતા ગોપાલ ઈટાલિયા એ ભાજપના કિરીટ પટેલ ને 17,554 મતોના તફાવતથી હરાવીને વિજય મેળવી છે।
गोपाल इटालिया को मिले वोट: 75,942
किरिट पटेल को मिले वोट: 58,388
कांग्रेस के नितिन रणपरिया को मिले: 5,501 वोट
यह वही सीट है जहाँ से 2022 में AAP के विधायक भूपेंद्र भयानी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके BJP में शामिल हो जाने से सीट खाली हुई थी। इस जीत को symbolic resurgence माना जा रहा है, क्योंकि इस सीट पर BJP ने 2007 के बाद कोई जीत नहीं दर्ज की थी।
👉 यह संकेत देता है कि AAP का grassroots support अब भी कुछ इलाकों में मौजूद है और पार्टी 2027 के लिए नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकती है।
कड़ी सीट – BJP’s Stronghold Remains Firm
मेहसाणा जिले की अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित Kadi सीट पर BJP के राजेन्द्र चावड़ा ने कांग्रेस के रमेश चावड़ा को जबरदस्त 39,452 वोटों के अंतर से हराया।
राजेन्द्र चावड़ा को वोट: 99,742
रमेश चावड़ा को वोट: 60,290
AAP के जगदीश चावड़ा को सिर्फ: 3,090 वोट
यह सीट BJP विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद खाली हुई थी। यहां का परिणाम इस बात की पुष्टि करता है कि BJP की पकड़ ग्रामीण और आरक्षित क्षेत्रों में अब भी बेहद मजबूत है।
👉 BJP का dominance खासकर Kadi जैसी सीटों पर उनके परंपरागत वोट बैंक की स्थिरता को दर्शाता है।
कांग्रेस को बड़ा झटका – Leadership Crisis Emerges
इन दोनों सीटों पर करारी हार के बाद कांग्रेस के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत resignation दे दिया। उन्होंने एक सार्वजनिक बयान में कहा:
“मैं कांग्रेस का अनुशासित सिपाही था, हूँ और रहूंगा। पार्टी किसी भी पद या व्यक्ति से ऊपर है।”
उनके इस्तीफे के बाद शैलेश परमार, जो अहमदाबाद के दानीलीमड़ा सीट से विधायक हैं, को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
👉 यह बदलाव पार्टी के भीतर strategic restructuring की तरफ इशारा करता है।
राजनैतिक विश्लेषण – What Do the Results Indicate?
🔹 Congress की स्थिति लगातार गिरती जा रही है। दोनों सीटों पर तीसरे नंबर पर आना पार्टी के लिए चिंताजनक संकेत है।
🔹 AAP ने विसावदर में अपनी organizational capability को दोबारा साबित किया है।
🔹 BJP की ग्रामीण इलाकों और reserved constituencies में पकड़ मजबूत बनी हुई है।
🔹 यह उपचुनाव महज दो सीटों की लड़ाई नहीं थी, बल्कि 2027 विधानसभा चुनाव की एक preview था।
निष्कर्ष: Gujarat उपचुनाव 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया है कि BJP की पकड़ अभी भी मजबूत है, AAP वापसी की कोशिश में है, और Congress को अपनी रणनीति और नेतृत्व दोनों में बड़ा सुधार करने की ज़रूरत है।
2027 की लड़ाई अभी से शुरू हो चुकी है – और यह उपचुनाव उसी का पहला ट्रेलर था।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।