पुरी रथ यात्रा में भीड़ बनी चुनौती, 600+ श्रद्धालु अस्पताल में भर्ती

By Shravan Kumar Oad

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Jagannath Rath Yatra Chaos
Jagannath Rath Yatra Chaos

पुरी (ओडिशा)। देशभर से आए लाखों भक्तों के लिए Jagannath Rath Yatra 2025 एक धार्मिक पर्व से बढ़कर आस्था का महासागर है, लेकिन इस बार की रथ यात्रा में crowd management की कमी और असहनीय गर्मी ने श्रद्धालुओं की परीक्षा ले ली।

600 से अधिक श्रद्धालुओं को रथ यात्रा मार्ग में चोटें और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिससे Taladhwaj Rath की गति धीमी पड़ गई और कई जगहों पर अव्यवस्था फैल गई। सबसे ज़्यादा परेशानी उस समय हुई जब भगवान बलभद्र का रथ एक तीव्र मोड़ पर अटक गया और वहां भारी भीड़ इकट्ठी हो गई।

भक्तों की भीड़ बनी वजह बनी देरी की

पुरी में हर साल आयोजित होने वाली Jagannath Rath Yatra के दौरान इस बार भी देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। भगवान Jagannath, उनके भाई Balabhadra और बहन Subhadra को उनके रथों – Nandighosh, Taladhwaj, और Darpadalana – में विराजमान कर Gundicha Temple तक ले जाया जाता है।

हालांकि, इस बार अनुमान से कहीं अधिक devotees के आने से प्रशासन की सारी तैयारियाँ कमजोर पड़ गईं। कई श्रद्धालु सुरक्षा बैरिकेड्स पार कर restricted zones में पहुंच गए, जिससे रथों की आवाजाही बाधित हुई।

कहाँ हुई सबसे ज़्यादा समस्या?

रथ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले एक मोड़ पर भगवान बलभद्र के Taladhwaj Rath को मोड़ने में अत्यधिक कठिनाई हुई। वहां रथ रुक गया और पीछे से भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती रही। इसी दौरान धूप और उमस की वजह से कई श्रद्धालु unconscious हो गए। हालात ये हो गए कि Puri Medical College में एक साथ 600 से ज्यादा लोगों को प्राथमिक उपचार देना पड़ा।

क्या बोले मंत्री और प्रशासन?

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बयान देते हुए कहा,

“तीव्र गर्मी और उमस की वजह से कुछ श्रद्धालु बेहोश हो गए। लेकिन राहत टीम ने समय पर प्रतिक्रिया दी और उन्हें अस्पताल भेजा गया। हमने मंदिर के पास Primary Health Centers बनाए हैं और glucose तथा drinking water की पूरी व्यवस्था है।”

वहीं, ओडिशा के DGP Y.B. Khurania ने बताया कि सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक जवान, जिसमें CAPF की 8 कंपनियाँ भी शामिल थीं, तैनात किए गए थे। साथ ही, 275+ AI-enabled CCTV cameras से यात्रा पर नज़र रखी जा रही थी।

रथ यात्रा का पारंपरिक स्वरूप

Jagannath Rath Yatra में भगवान को मंदिर से बाहर निकालकर Singhdwar पर लाया जाता है। Mangal Aarti के बाद, पहले Sudarshan Chakra को रथ पर विराजित किया गया, फिर देवी सुभद्रा और बलभद्र को उनके रथों पर ले जाया गया।

तीनों रथों को भक्त अपने हाथों से खींचते हैं और उन्हें 2.5 km दूर Gundicha Temple तक ले जाया जाता है, जिसे त्रिदेवों की मौसी का घर माना जाता है।

क्या है मुख्य कारण?

इस बार की Jagannath Rath Yatra में समस्याओं की मुख्य वजह थी:

  • अनुमान से अधिक devotee turnout
  • भीषण गर्मी और उमस
  • रथों को मोड़ने में तकनीकी दिक्कतें
  • प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों की घुसपैठ

फिर भी राहत की बात यह रही…

रथ यात्रा में अव्यवस्था तो रही लेकिन कोई stampede नहीं हुआ और किसी की जान नहीं गई। प्रशासन लगातार स्थिति को सामान्य बनाए रखने में लगा रहा।

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