जालोर में संत अभयदास की कथा पर बवाल: महिलाओं का प्रदर्शन, टायर जलाए, राज्यपाल का बदला रूट

By Shravan Kumar Oad

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Abhaydas news Jalore

जालोर।
संत अभयदास की श्रावण मासीय कथा को लेकर जालोर शहर में एक बार फिर तनावपूर्ण माहौल बन गया है। कथा की अनुमति नहीं मिलने से नाराज महिलाओं और श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प, बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश और सड़क पर टायर जलाकर विरोध जताया गया।

कथा की अनुमति को लेकर मचा बवाल

पाली जिले के तखतगढ़ धाम से जुड़े संत अभयदास को भगतसिंह स्टेडियम में कथा की अनुमति नहीं मिलने पर महिलाओं ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि 11 जुलाई से चल रही कथा को पुनः स्टेडियम में जारी रखने की अनुमति दी जाए।

उनका कहना है कि आयोजन समिति ने पहले ही सभी जरूरी कागजों के साथ प्रशासन को आवेदन दे दिया था, लेकिन अब तक इजाजत नहीं दी गई।

पुलिस और महिलाओं के बीच टकराव, लाठीचार्ज और बेहोशी की खबरें

जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, सैकड़ों महिलाएं कलेक्ट्रेट गेट पर इकट्ठी हो गईं। इस दौरान पुलिस पर पानी की बोतलें फेंकी गईं, महिलाएं बैरिकेड्स तोड़कर अंदर घुसने लगीं। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। झड़प के दौरान कुछ महिलाओं की तबीयत बिगड़ने की खबरें भी सामने आई हैं।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का बदला गया रूट

उधर, उसी दौरान राज्यपाल हरिभाऊ बागडे जालोर दौरे पर थे। प्रदर्शनकारी राज्यपाल का रास्ता रोकने की कोशिश कर रहे थे, जिससे जिला प्रशासन ने तुरंत रूट बदलते हुए उन्हें शांतिपुरा बाइपास से सर्किट हाउस पहुँचाया। बाद में राज्यपाल कलेक्ट्रेट पहुंचे और उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।

मंदिर विवाद से शुरू हुआ मामला

इस पूरे विवाद की जड़ 11 जुलाई से चल रही कथा है, जो भगतसिंह स्टेडियम में आयोजित की गई थी। लेकिन कथित रूप से बायोसा मंदिर में जबरन दर्शन और पुलिस टकराव के बाद आयोजन को रोका गया। इसके विरोध में संत अभयदास ने कालका कॉलोनी में आमरण अनशन शुरू कर दिया था, जो 20 जुलाई को मंत्री जोगाराम पटेल की मध्यस्थता से समाप्त हुआ।

कलेक्टर से मिला था आश्वासन, फिर भी विरोध जारी

23 जुलाई की रात को भी समर्थकों ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना जारी रखा। कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे ने आश्वासन दिया था कि कथा स्थल का निरीक्षण कर 25 जुलाई तक निर्णय लिया जाएगा। बावजूद इसके, 25 जुलाई को भी श्रद्धालु फिर इकट्ठा हुए और त्वरित अनुमति की मांग करने लगे

प्रशासन ने दी शांति बनाए रखने की अपील

जिला प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि अनुमति सुरक्षा मानकों की जांच के बाद ही दी जाएगी। फिलहाल शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने सभी से संयम बरतने की अपील की है और चेतावनी दी है कि स्थिति बिगड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आने वाले घंटे अहम, हो सकता है बड़ा फैसला

पूरे जिले में यह मामला अत्यंत संवेदनशील बना हुआ है। प्रशासन, पुलिस और आयोजन समिति के बीच वार्ता जारी है। अनुमान है कि अगले कुछ घंटों में कथा को लेकर कोई ठोस निर्णय सामने आ सकता है।


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