
जालोर।
जालोर में बुद्धिबल के महायुद्ध की शुरुआत हो चुकी है। होटल विजय पैराडाइज में एकलव्य फाउंडेशन की ओर से राज्य स्तरीय एकलव्य ओपन शतरंज प्रतियोगिता का शनिवार को भव्य शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय यह प्रतियोगिता 13 जुलाई (रविवार) को समापन के साथ समाप्त होगी।
इस प्रतियोगिता का उद्घाटन डीसीए जालोर अध्यक्ष मेघाराम बेनधा, सचिव ज्योति स्वरूप जोशी, चीफ आर्बिटर राजेंद्र तेली, वरिष्ठ सलाहकार शहजाद खान, डिप्टी आर्बिटर भंवरलाल सुथार, कोषाध्यक्ष मनीष ठाकुर, एकलव्य फाउंडेशन अध्यक्ष पीबी सैन, अनिल शर्मा, रामलाल खत्री, और सूर्यवीर सिंह वाघेला सहित गणमान्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया।
प्रतियोगिता प्रभारी व एकलव्य फाउंडेशन सचिव भरत कुमार जीनगर ने बताया कि इस राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में कुल 158 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
यह प्रतियोगिता स्विस लीग पद्धति में 9 राउंड्स में संपन्न होगी –
- पहले दिन 5 राउंड,
- दूसरे दिन 4 राउंड खेले जाएंगे।
प्रत्येक राउंड के बाद कठिनाई का स्तर बढ़ेगा, जिससे रोचक और चुनौतीपूर्ण मुकाबले देखने को मिलेंगे। द्वितीय चरण के समापन तक 36 खिलाड़ी 2-2 अंकों के साथ आगे चल रहे हैं।
प्रतियोगिता में कुल 46 FIDE रेटेड खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें जालोर के भी दो खिलाड़ी शामिल हैं।
खिलाड़ियों की अंतिम रैंकिंग प्राप्त अंकों और ट्राय ब्रेक के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
निर्णायक मंडल में सक्रिय हैं –
राजेंद्र तेली, निलेश कुमावत, मनीष ठाकुर, भावेश पांडियार, भंवर सिंह, कमल सैनी, जितेश शर्मा और चंदन कुमार।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पवन ओझा ने किया।
अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि –
“शतरंज केवल एक खेल नहीं, यह बुद्धि और धैर्य का संगम है। हार और जीत खेल का हिस्सा हैं, पर सीख हर चाल में छिपी होती है।”
उपस्थिति में विशेष योगदान देने वालों में शामिल रहे –
पीबी सैन, भरत कुमार, डॉ. पवन ओझा, अशोक कुमार, महेंद्र कुमार, चारुल शर्मा, खीवसिंह राजपुरोहित, संपत आर्य, रविंद्र सिंह मंडलावत, सूरजपाल सिंह, गजेंद्रपाल सिंह, चंपालाल परमार, कांतिलाल, नारायण राव, मदन सिंह, तनवीर सिंह, नरेंद्र कुमार, अर्जुन सिंह आदि।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।