
भीनमाल, चितलवाना: ( माणकमल भंडारी )
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जौधावास—यह नाम अब शिक्षा की जगह खतरे का पर्याय बन चुका है। 1995 में बने इस विद्यालय के कक्षा-कक्ष भवन आज पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। हर दीवार और छत खतरे की घंटी बजा रही है, मानो यहां किसी बड़े हादसे का बेसब्री से इंतजार हो रहा हो।
बच्चों और शिक्षकों के लिए हर दिन चुनौती

स्थानीय समाजसेवी ललित राजपुरोहित ने बताया, “जौधावास के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा-कक्ष इतने क्षतिग्रस्त हैं कि कभी भी दुर्घटना हो सकती है। गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रबारियो का गोलिया की भी यही स्थिति है। स्कूल परिवार व बच्चों के लिए माहौल बेहद मुश्किल हो चुका है।”
प्रशासन तक पहुंची मांग, अब तक कार्यवाही शून्य
ग्रामीणों के अनुसार, विद्यालय परिवार और गांववालों ने बार-बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को हालात से अवगत करवाया है। फोन कॉल और लिखित शिकायतें भी दी जा चुकी हैं, लेकिन अब तक स्कूल की सुध नहीं ली गई। ग्रामीणों की मांग है कि बरसात के मौसम में बच्चों को सुरक्षित क्लासरूम मिले, इसके लिए तुरंत प्रभाव से मरम्मत कार्य शुरू हो।
कब सुधरेगी स्कूल की दशा?
हर दिन बारिश से बचने के लिए बच्चों को बाहर बैठाया जाता है, जिससे उनकी पढ़ाई में बाधा आ रही है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द ही विद्यालय भवन की मरम्मत करवा स्कूल और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि शिक्षा का माहौल फिर से सशक्त बन सके।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।