
(माणकमल भंडारी)
भीनमाल।
जोधपुर डिस्कॉम के अधीन आने वाले सहायक अभियंता कार्यालय क्षेत्र में सैकड़ों फर्जी बिजली कनेक्शन चल रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कनेक्शनों के लिए न तो कोई पत्रावली कार्यालय में जमा कराई गई, न ही मांग पत्र के ज़रिए कोई राशि जमा हुई।
फर्जीवाड़ा मुख्यतः सामान्य श्रेणी कृषि कनेक्शन और स्वपोषित घरेलू कनेक्शन के नाम पर किया गया है। इस अवैध प्रक्रिया से डिस्कॉम को अब तक लाखों से करोड़ों रुपये तक का नुकसान हो चुका है।
शहर के कागवाराजी क्षेत्र में भी अवैध बिजली कनेक्शन सक्रिय हैं। इतना ही नहीं, 2020, 2021 और 2022 में उपखंड क्षेत्र में जिन सामान्य श्रेणी कृषि कनेक्शनों को मंजूरी दी गई, उनमें गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं।
विचारणीय बात यह है कि 2020 में जब उपखंड को ट्रांसफॉर्मर का आवंटन ही नहीं हुआ था, तो उस वर्ष कनेक्शन कैसे जारी कर दिए गए? 2021 में भी जब मटेरियल की उपलब्धता नहीं थी, तब भी कनेक्शन जारी कर दिए गए।
पास के गांव जेतु और मीरपुरा में भी बिना कोई औपचारिक प्रक्रिया पूरी किए कनेक्शन दिए गए, जिससे डिस्कॉम को करोड़ों की क्षति हुई है।
डिस्कॉम के भागलसेफ्टा, नासोली और आसपास के गांवों में चल रहे इन अवैध कनेक्शनों की जांच के दौरान वीसीआर (VCR) भी भरी गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि इन कनेक्शनों के लिए न फाइल बनाई गई, न ही डिमांड नोटिस जारी हुआ, फिर भी डिस्कॉम अधिकारियों ने सामग्री की आपूर्ति कर दी।
इसके बावजूद, अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिससे यह मामला संदेह के घेरे में है।
शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने इस पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को ईमेल के ज़रिए भेजकर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।