
जालोर |
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक भगवानाराम चौधरी एवं औस संस्थान के सचिव संदीप जैन के मार्गदर्शन में औस नशा मुक्ति केंद्र, जालोर में “एक शाम खाटूश्याम के नाम” भजन संध्या का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत उपनिदेशक भगवानाराम चौधरी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “नशा आज की सबसे बड़ी सामाजिक चुनौती है, जो व्यक्ति के शरीर, दिमाग और समाजिक जीवन को पूरी तरह प्रभावित कर रही है।”
संदीप जैन ने केंद्र में मौजूद लाभार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों की विस्तार से जानकारी दी और उन्हें “नशे को ना, जीवन को हां!” का मंत्र अपनाने के लिए प्रेरित किया।
केंद्र के परियोजना समन्वयक ने बताया कि इस भजन संध्या का उद्देश्य नशा छोड़ने के लिए एक आध्यात्मिक और सकारात्मक वातावरण तैयार करना है, जो सीधे लाभार्थियों के दिल को छुए।
भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए भक्ति गीतों ने वहां मौजूद सभी को आत्मिक शांति और जागरूकता का अनुभव करवाया।
डॉ. माथुर ने बताया कि नशा युवा पीढ़ी को अंधकार में ले जा रहा है और इससे निपटना समाज की प्राथमिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान सभी लाभार्थियों को नशा मुक्ति की शपथ दिलवाई गई।
इस मौके पर नर्सिंग कर्मचारी गोविन्द संदेशा, वार्ड बॉय पारस कुमार और जिगर कुमार, तथा योग शिक्षक जयकुमार सोनी और अन्नाराम उपस्थित रहे।