भागवत कथा में कृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर झूमे नगरवासी, भक्तिमय वातावरण में श्रोता हुए भावविभोर

By Shravan Kumar Oad

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भीनमाल (माणकमल भंडारी):
स्थानीय सत्संग भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के षष्ठम दिन नगर में भक्ति और आनंद की लहर दौड़ गई। कथा वाचक द्वारिका के जितेन्द्र तिवारी ने जब कन्हैया की लीलाओं और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग का मधुर वर्णन किया, तो सैकड़ों की संख्या में मौजूद श्रोतागण भाव-विह्वल होकर झूम उठे। कथा परिसर भजन, कीर्तन और तालियों की गूंज से भर गया।

गोवर्धन लीला से शुरू हुई भक्ति यात्रा

कथा की शुरुआत गोवर्धन धारण प्रसंग से हुई, जहां श्रीकृष्ण ने देवराज इन्द्र का अभिमान चूर करते हुए भक्ति की महत्ता को प्रकाशित किया। कन्हैया द्वारा अपने बाबा को वरुण से मुक्त कराने, गोप ग्वालों को वैकुंठ दर्शन कराने और महारास की अद्भुत कथा सुनाकर कथा वाचक ने श्रद्धालुओं को अलौकिक आनंद से सराबोर कर दिया। बाल लीलाओं और रुक्मिणी विवाह की कथा में भक्त भाव विभोर हो उठे।

कंस उद्धार व द्वारिका प्रवास का जीवंत चित्रण

कथा में कंस वध, नाना उग्रसेन का राजतिलक, गुरु सांदीपनि से शिक्षा, मृत पुत्र को गुरु को सौंपना और समुद्र के बीच द्वारिकापुरी का निर्माण—इन सभी प्रसंगों को जितेंद्र तिवारी ने जीवंत शैली में प्रस्तुत किया। रुक्मिणी विवाह के प्रणय प्रसंग में भावुक श्रोता तालियों और जयकारों से वातावरण भरते रहे।

सोशल मीडिया पर भी दिखाई दी कथा की दिव्यता

कथा का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से भी किया गया, जिससे दूर-दराज तक भक्तों ने पुण्य लाभ उठाया। आयोजक त्रिवेदी परिवार और शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी ने बताया कि पुण्यात्मा जटाशंकर त्रिवेदी की पुण्यतिथि पर यह आयोजन भक्त, ज्ञान और वैराग्य का संदेश लेकर आया है। रविवार को कथा का अंतिम दिन रहेगा, जिसमें प्रत्येक श्रोता को संपूर्ण कथा श्रवण का पुण्य मिलेगा।

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