
जालोर।
सोशल मीडिया पर रील बनाने का बढ़ता क्रेज अब कानूनी मुसीबत बन चुका है।
रेलवे प्रशासन ने साफ कर दिया है कि रेलवे स्टेशन, ट्रैक या ट्रेन के डिब्बों में खतरनाक तरीके से रील बनाना अब दंडनीय अपराध माना जाएगा।
3000 रुपए तक का जुर्माना और 6 महीने तक की जेल — ये दोनों सजा अब ऐसे लोगों पर लागू होंगी।
रेलवे अधिनियम की धारा 145 और 147 के तहत होगी कार्रवाई
रेलवे अधिनियम 1989 के सेक्शन 145 और 147 के तहत अब स्टेशन परिसर, ट्रैक और ट्रेन के भीतर खतरनाक वीडियो या रील बनाना गंभीर अपराध माना जाएगा।
पहले इस पर सिर्फ ₹1000 का जुर्माना था, लेकिन अब कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।
आरपीएफ चलाएगी सघन अभियान
RPF (रेलवे पुलिस फोर्स) के सीनियर कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया कि अगली माह से देशभर के प्रमुख स्टेशनों पर सघन निगरानी अभियान चलाया जाएगा।
- CCTV कैमरों से निगरानी
- तैनात जवानों की टीम
- रील बनाते ही तुरंत हिरासत
इन व्यवस्थाओं के तहत अब कोई भी व्यक्ति रील बनाते हुए पकड़ा जाता है तो तुरंत पुलिस हिरासत में लिया जाएगा।
रील्स का जुनून बन चुका है जानलेवा
हाल ही में चेन्नई में एक 15 वर्षीय छात्र की मौत चलती ट्रेन में रील बनाते समय हो चुकी है।
कुछ युवा ट्रेन में लटककर, पटरी पर सोकर, या चलती ट्रेन के पास स्टंट करके वीडियो बनाते हैं — ये न केवल खतरनाक है, बल्कि अब अपराध भी है।
अब नहीं मिलेगी कोई छूट – वीडियो बनाना पूरी तरह प्रतिबंधित
रेलवे विभाग ने साफ कर दिया है कि रेलवे परिसर में वीडियो शूटिंग की अनुमति नहीं है।
अब जो भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर दिखावे के लिए स्टंट या रील बनाते पकड़ा गया, उसे कानून का सामना करना होगा।
यात्रियों से अपील: नियमों का पालन करें, जान जोखिम में न डालें
रेलवे ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे रेल की पटरियों, प्लेटफॉर्म, स्टेशन या ट्रेन के भीतर किसी भी तरह का स्टंट या वीडियो न बनाएं।
रील्स के चक्कर में जान से न जाएं, और कानून से भी बचें।
निष्कर्ष:
अब रेलवे परिसर में रील बनाना सिर्फ रिस्क नहीं, कानूनी जुर्म भी बन गया है।
जुर्माना, जेल और बदनामी से बचना है तो सोशल मीडिया के लिए स्टंटबाज़ी छोड़ें और नियमों का पालन करें।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।