राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के लाभार्थियां को सौर ऊर्जा से जोड़कर 150 यूनिट निशुल्क बिजली देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक में यह निर्णय किए गए।
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती एवं सुलभ सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा दाता बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल की है और प्रदेश में जल्द ही पीएम सूर्यघर 150 यूनिट निशुल्क बिजली योजना लागू की जाएगी।
उपभोक्ताओं को होगा फायदा
घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऊर्जादाता बनाने की दिशा में देश के किसी भी राज्य में अपनी तरह की यह महत्वाकांक्षी योजना है। गोदारा ने बताया कि इस निर्णय का लाभ एक करोड़ चार लाख घरेलू श्रेणी के रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को होगा और वे सौर ऊर्जा से जुड़कर प्रतिमाह 100 यूनिट के स्थान पर अब 150 यूनिट तक निशुल्क बिजली का लाभ उठा पाएंगे।
सरकार ने की थी घोषणा
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के रजिस्टर्ड लाभार्थियों को और अधिक लाभ देने की मंशा के साथ पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को लीवरेज करते हुए रूफ टॉप सोलर पैनल लगाकर 150 यूनिट प्रतिमाह निशुल्क बिजली उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण घोषणा की थी। साथ ही ऐसे परिवारों, जिनके घर में सोलर प्लांट लगाने के लिए पर्याप्त छत नहीं है, उनके लिए सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाने की घोषणा भी बजट में की गई थी।
निशुल्क सोलर पैनल लगाए जाएंगे
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना में पंजीकृत 27 लाख लाभार्थी परिवारों, जिनका औसत मासिक उपभोग 150 यूनिट से अधिक है, उनके घर की छत पर इस योजना में 1.1 किलोवाट क्षमता के निशुल्क सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए ऐसे प्रत्येक उपभोक्ता को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत भारत सरकार से प्रति संयंत्र 33 हजार रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी।
वहीं राज्य सरकार द्वारा 17 हजार रुपए प्रति संयंत्र की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे 1.1 किलोवाट क्षमता का पैनल पूरी तरह निःशुल्क हो जाएगा और 150 यूनिट तक मासिक खपत पर उपभोक्ता का मासिक बिजली बिल शून्य हो जाएगा। वहीं करीब 27 लाख परिवारों के रूफ टॉप संयंत्र लगने से 3,000 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता सृजित होगी।
1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र लगेंगे
उन्होंने बताया कि 150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग वाली श्रेणी के तहत प्रथम कैटेगरी में मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के ऐसे 11 लाख लाभार्थी परिवार, जिनके पास अपने घर की छत पर निशुल्क रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध है, उनके लिए वितरण कंपनियों द्वारा अपने चयनित वेंडर्स के माध्यम से निशुल्क 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे।
द्वितीय कैटेगरी में ऐसे रजिस्टर्ड शेष उपभोक्ता जिनके रूफ टॉप संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध नहीं है। उनके लिए डिस्कॉम्स सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाएंगे। साथ ही इन संयंत्रों पर वर्चुअल नेट मीटरिंग के माध्यम से ऐसे उपभोक्ताओं को इन सामुदायिक सोलर संयंत्रों से मिलने वाली बिजली के रूप में 150 यूनिट निशुल्क बिजली प्रतिमाह उपलब्ध होगी। सामुदायिक सोलर संयंत्रों की स्थापना में होने वाला सम्पूर्ण व्यय डिस्कॉम्स वहन करेंगे। इससे उन लोगों को भी निशुल्क बिजली योजना का लाभ मिलेगा जिनके पास स्वयं की छत उपलब्ध नहीं है।
भजनलाल कैबिनेट का दिवाली से पहले बड़ा तोहफा, युवाओं को भी मिली बड़ी खुशखबरी
राजस्थान में विधानसभा सत्र की शुरूआत होने के एक दिन पहले भजनलाल कैबिनेट की बैठक आयोजित की हुई। जिसमें कई अहम मुद्दों पर फैसले लिए गए। बैठक समाप्त होने के बाद उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल, मंत्री सुमित गोदारा ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने विधानसभा सत्र में सरकार की ओर से सदन के पटल पर रखे जाने वाले विधेयकों पर प्रकाश डाला।
उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में सीवरेज समस्या का समाधान किया जाएगा। राजस्थान सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन किया जाएगा। राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक-2025 पर प्रतिवेदन रखा जाएगा। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2025, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक- 2025 को सदन के पटल पर रखेंगे।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद्र बैरवा ने कहा कि राज्य में सभी जिलों में जल स्वास्थ्य नीति के तहत संशोधन होगा। जल का उपयोग ऊर्जा के क्षेत्रों में भी होगा। शिक्षा विभाग में राजसेज में रिक्त 10900 पद है। राजस्थान कॉलेज एसोसिएशन के तहत 4700 शिक्षक-गैर शिक्षक की भर्ती होगी। राजसेज-2023 के संशोधन के लिए भी चर्चा हुई। तकनीकी शिक्षा में भी भर्ती की जाएगी। 1650 पर नियुक्ति दी गई, 1716 गैर शिक्षक पद पर भर्ती होगी।
धर्म परिवर्तन पर बिल लाएगी सरकार- मंत्री जोगाराम
कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कैबिनेट बैठक में कई फैसलों पर मुहर लगी है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक भर्तियां होगी। धर्म परिवर्तन को लेकर राज्य सरकार बिल लेकर आएगी। धार्मिक संस्थाएं बल प्रयोजन से धर्म परिवर्तन कर रही है। सरकार इस विधानसभा सत्र में धर्मान्तरण संबंधी विधेयक लाएगी। उन्होंने कहा कि अपना धर्म मानना हर व्यक्ति का अधिकार है। इस बिल में सजा के प्रावधान भी किए जाएंगे।
मंत्री जोगाराम पटेल ने धर्मांकरण बिल को लेकर कहा कि इस बिल में धर्म परिवर्तन को विशेष रूप से उल्लेखित किया गया। गलत सूचना, बल पूर्वक कार्य करना, धोखाधड़ी, जबरदस्ती प्रचार करना, प्रलोभन देना, विवाह का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने पर कम 7 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष की सजा तथा ₹500000 का जुर्माना होगा। अगर अपराध नाबालिक, दिव्यांग, एससी-एसटी महिला के साथ होता है न्यूनतम 10 वर्ष की सजा, अधिकतम 20 वर्ष की सजा और 10 लाख का आर्थिक जुर्माना वसूला किया जाएगा। सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन पर न्यूनतम 20 वर्ष का कारावास और आजीवन कारावास की सजा तथा 25 लाख रुपए का जुर्माना होगा।
निकायों में सीवरेज के होंगे काम
साथ ही उन्होंने कहा कि इस बैठक में शहर में सीवरेज सिस्टम सुधारने का फैसला लिया है। स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा के तहत काम होगा। सर्कुलर इकॉनामी के आधार पर काम होगा। सीवरेज, अपशिष्ट जल नीति 2016 में संशोधन होंगे। सभी शहरी निकायों में सीवरेज के काम होंगे।
दिवाली से पहले लगेंगी 2 लाख स्ट्रीट लाइट
मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि पीएम सूर्य घर योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 150 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाएगी। 2 लाख नई स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी, दीपावली से पहले ये लाइट राजस्थान में लगाई जाएगी।
150 यूनिट से अधिक औसत मासिक उपभोग
मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना में पंजीकृत 27 लाख लाभार्थी परिवारों, जिनका औसत मासिक उपभोग 150 यूनिट से अधिक है, उनके घर की छत पर इस योजना में 1.1 किलोवाट क्षमता के निःशुल्क सोलर पैनल लगाए जाएंगे. इसके लिए ऐसे प्रत्येक उपभोक्ता को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत भारत सरकार से प्रति संयंत्र 33,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी.
150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग
इस योजना के तहत 150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग वाली श्रेणी के अन्तर्गत प्रथम कैटेगरी में मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के ऐसे 11 लाख लाभार्थी परिवार, जिनके पास अपने घर की छत पर निशुल्क रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध है, उनके लिए वितरण कंपनियों द्वारा अपने चयनित वेंडर्स के माध्यम से निःशुल्क 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे.
द्वितीय कैटेगरी में ऐसे रजिस्टर्ड शेष उपभोक्ता जिनके रूफ टॉप संयंत्र लगाने के लिए छत नहीं है, उनके लिए डिस्कॉम्स सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाएंगे. साथ ही, इन संयंत्रों पर वर्चुअल नेट मीटरिंग के ज़रिये ऐसे उपभोक्ताओं को इन सामुदायिक सोलर संयंत्रों से मिलने वाली बिजली के रूप में 150 यूनिट निःशुल्क बिजली हर महीने मिलेगी.
सामुदायिक सोलर संयंत्रों की स्थापना में होने वाला पूरा खर्च डिस्कॉम्स वहन करेंगे. इससे उन लोगों को भी निशुल्क बिजली योजना का लाभ मिलेगा जिनके पास स्वयं की छत उपलब्ध नहीं है.
धर्मांतरण कानून और प्रशासनिक सुधार
बैठक में धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कानून लाने का भी फैसला लिया गया. प्रस्तावित राजस्थान विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 के तहत अवैध धर्मांतरण या प्रलोभन से किए गए विवाहों पर कड़ी कार्रवाई होगी. इसमें सात साल से लेकर आजीवन कारावास और लाखों रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. नाबालिगों, महिलाओं और कमजोर वर्गों के मामलों में सजा और भी सख्त होगी. इसके साथ ही राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के लिए नए सेवा नियमों को मंजूरी दी गई, ताकि नियमित भर्तियां तेजी से हो सकें और विभागीय कामकाज सुचारू ढंग से चले. भूजल विभाग में भी नए पद सृजित किए गए हैं जिससे राज्य में विकास कार्यों को गति मिलेगी.
सीवरेज और एलईडी लाइटों पर हुई चर्चा
बैठक में शहरी विकास से जुड़े अहम फैसले भी लिए गए. सीवरेज और अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई, जिससे सभी शहरी इलाकों में व्यवस्थित सीवरेज नेटवर्क तैयार होगा. इस योजना में सर्कुलर इकोनॉमी’ पर जोर रहेगा, यानी सीवेज से मिलने वाले पानी, खाद और गैस का दोबारा उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा, नमामि गंगे की तर्ज पर हैम मॉडल अपनाया जाएगा ताकि योजनाएं समय पर पूरी हो सकें. साथ ही राज्य सरकार ने बजट में तय एक लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट की जगह अब दो लाख एलईडी लाइट लगाने का निर्णय लिया है, जिस पर लगभग 160 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे शहरों में रोशनी व्यवस्था बेहतर होगी और ऊर्जा की बचत भी होगी.
शिक्षा क्षेत्र में सुधार की उम्मीद
राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी के तहत संचालित 374 महाविद्यालयों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए 4,724 संविदा पदों पर भर्ती की मंजूरी दी गई है. इनमें से 3,540 पद शैक्षणिक होंगे, जहां योग्य उम्मीदवारों को नेट, स्लेट, सेट या पीएचडी योग्यता के आधार पर मौका मिलेगा. इन पदों पर पांच साल के लिए कार्मिकों की नियुक्ति होगी. इससे राज्य में कॉलेज शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और छात्रों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिलेगा.

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।