
जयपुर – राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब राज्य में आयोजित होने वाली एक से अधिक शिफ्टों (Shifts) वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में Equipercentile Normalization Formula लागू किया जाएगा। इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अब तक लागू था Z-Score फॉर्मूला
अब तक RSMSSB द्वारा Z-Score आधारित नॉर्मलाइजेशन पद्धति अपनाई जाती थी। इस पुराने फॉर्मूले में विभिन्न शिफ्ट्स के कठिनाई स्तर को संतुलित करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन इस पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। कई छात्रों ने आरोप लगाया कि शिफ्ट के आधार पर कठिनाई का स्तर भिन्न होता है, जिससे मेरिट पर असर पड़ता है।
क्या है Equipercentile Normalization Formula?
Equipercentile फॉर्मूला वह प्रक्रिया है जिसमें हर शिफ्ट में दिए गए अंक को एक समान प्रतिशत स्कोर के आधार पर नॉर्मलाइज किया जाता है। इसका उद्देश्य है:
- सभी शिफ्ट्स के उम्मीदवारों को बराबरी का मौका देना
- कठिनाई स्तर के अंतर को निष्पक्ष तरीके से संतुलित करना
- मेरिट लिस्ट को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाना
यह फॉर्मूला पहले से SSC, UPSC जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अपनाया जा चुका है, और अब राजस्थान भी इसी मॉडल को फॉलो करेगा।
कौन-कौन सी परीक्षाएं होंगी प्रभावित?
बोर्ड के अनुसार, ये नया नियम उन सभी परीक्षाओं पर लागू होगा जो एक से अधिक चरणों में आयोजित होती हैं। इनमें प्रमुखतः ये शामिल हैं:
- चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षाएं (4th Grade)
- वीडीओ (VDO) भर्ती परीक्षा
- पटवारी भर्ती
- जेल प्रहरी भर्ती-2024
- और अन्य बहुशिफ्ट परीक्षाएं
25 जुलाई 2025 से लागू, आदेश जारी
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय 25 जुलाई 2025 से प्रभावी हो चुका है। सभी आगामी बहुशिफ्ट परीक्षाओं में Equipercentile फॉर्मूला के तहत मूल्यांकन किया जाएगा। बोर्ड ने कहा कि इस फॉर्मूले को समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा।
छात्रों के लिए बड़ा भरोसा, सिस्टम में बढ़ेगा विश्वास

लाखों प्रतियोगी अभ्यर्थियों के लिए यह निर्णय भरोसे और संतुलन की भावना लेकर आया है। वर्षों से नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर जो संदेह और असंतोष बना हुआ था, उसे यह नया निर्णय काफी हद तक समाप्त करेगा।
विशेषज्ञों और छात्र संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे भर्ती प्रक्रिया में ईमानदारी और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम बताया है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Equipercentile Formula का लागू होना केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह प्रतियोगी छात्रों के हक में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय है। इससे न केवल परीक्षाओं की निष्पक्षता सुनिश्चित होगी, बल्कि राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं में विश्वास और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
राजस्थान की लाखों युवाओं को अब उम्मीद है कि उन्हें उनकी मेहनत का सटीक और समान मूल्यांकन मिलेगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।