
जयपुर। राजस्थान में लंबे समय से लंबित पंचायत और नगर निकाय चुनावों को लेकर अब राज्य सरकार की सक्रियता तेज़ हो गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के हालिया बयान ने चुनावी हलचल को और गति दे दी है। मंत्री ने संकेत दिए हैं कि राज्य में दिसंबर 2025 में पंचायत और शहरी निकाय दोनों के चुनाव एक साथ कराए जाने की पूरी संभावना है।
गहलोत के मुताबिक, पंचायतों के पुनर्गठन के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी आगामी 15 से 20 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी चुनावों की रूपरेखा और कार्यक्रम तय किया जाएगा। यदि यह रिपोर्ट समय पर आती है और आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण हो जाती हैं, तो राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा संभव है।
पंचायत पुनर्गठन अंतिम चरण में
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित योजना के तहत राज्य में 800 से 1000 नई ग्राम पंचायतें और 20 से अधिक पंचायत समितियों का गठन किया जा सकता है। कैबिनेट सब कमेटी ने जिलों से प्राप्त प्रस्तावों का विश्लेषण कर लिया है और सीमाओं में फेरबदल की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
गौरतलब है कि यह बैठक पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अब इन सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद जारी है।
विपक्ष के आरोप और राजनीतिक बयानबाज़ी
राज्य में लगभग 7000 ग्राम पंचायतों और 150 से अधिक नगर निकायों का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद सरकार ने चुनावों की घोषणा करने के बजाय ग्राम पंचायतों में सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया और शहरी निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए।
इस पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि “वन स्टेट-वन इलेक्शन” की आड़ में चुनावों को अनावश्यक रूप से टाला जा रहा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए, ताकि जनता को फिर से चुनी हुई स्थानीय सरकारों के माध्यम से प्रतिनिधित्व मिल सके।
आगे की राह: रिपोर्ट के बाद तय होगी चुनावी टाइमलाइन
अब सभी की निगाहें आगामी दिनों में आने वाली कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी हैं। यह रिपोर्ट केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं बल्कि राज्य में स्थानीय लोकतंत्र की बहाली के मार्ग को भी तय करेगी। यदि चुनाव दिसंबर 2025 में कराए जाते हैं, तो यह न सिर्फ राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा, बल्कि जनता को एक बार फिर स्थानीय स्तर पर भागीदारी का अवसर देगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।