
जयपुर।
राजस्थान में सिलिकोसिस बीमारी के नाम पर सरकारी मुआवजा राशि में बड़ा घोटाला सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को मिली शिकायतों के बाद अब मामला गंभीर हो गया है। ACB ने पांच जिलों के 91 डॉक्टरों के खिलाफ जांच की अनुमति स्वास्थ्य विभाग से मांगी है।
कैसे हुआ घोटाला?
ACB की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि सिलिकोसिस के मरीजों को दी जाने वाली करीब 3 लाख रुपये की सरकारी सहायता राशि का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया।
- स्वस्थ व्यक्तियों को फर्जी रिपोर्ट बनाकर सिलिकोसिस पीड़ित दिखाया गया।
- एक असली मरीज की रिपोर्ट को कॉपी कर कई स्वस्थ लोगों के नाम से फर्जी रिपोर्ट बनाई गई।
- इस तरह लाखों-करोड़ों रुपये की सरकारी राशि निकाल ली गई।
ACB ने शुरुआती शिकायतों के आधार पर 6 FIR दर्ज भी कर दी हैं। अब सभी मामलों की विस्तृत जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुमति मांगी गई है।
किन जिलों में सामने आया मामला?
शिकायतें इन जिलों से आई हैं –
- पाली
- जोधपुर
- जालोर
- सिरोही
- करौली
इन्हीं जिलों में कई डॉक्टरों और कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप है।
कितनी मिलती है सहायता?
सरकार की ओर से सिलिकोसिस पीड़ित मरीज को लगभग 3 लाख रुपये की मदद दी जाती है।
👉 मरीज की मौत होने पर, उसके परिवार को अलग से आर्थिक सहायता भी मिलती है।
यही वजह है कि इस बीमारी के नाम पर धांधली कर बड़ी रकम निकाली गई।
आखिर सिलिकोसिस है क्या?
सिलिकोसिस एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, जो लंबे समय तक सिलिका धूल में काम करने वालों को होती है। इसे पेशेवर फेफड़ों की बीमारी (Occupational Lung Disease) भी कहा जाता है।
कैसे होती है सिलिकोसिस?
- सिलिका युक्त धूल सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंचती है।
- यह धूल फेफड़ों की छोटी वायु थैलियों (Alveoli) में जम जाती है।
- शरीर इसे हटाने की कोशिश करता है, लेकिन सफेद रक्त कोशिकाएं भी इससे नष्ट हो जाती हैं।
- नतीजा: फेफड़ों में सूजन, घाव और धीरे-धीरे कठोरता।
लक्षण क्या हैं?
- लगातार खांसी
- सांस लेने में तकलीफ (खासकर काम करते वक्त)
- थकान और वजन कम होना
- गंभीर मामलों में फेफड़ों की क्षमता घट जाना
सिलिकोसिस आमतौर पर खनन, पत्थर काटने, ईंट-भट्टा, निर्माण कार्य, सैंड ब्लास्टिंग और सिरेमिक उद्योग में काम करने वाले मजदूरों में पाई जाती है।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।