
राजस्थान सरकार ने रक्षाबंधन के मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एक खास उपहार देने की घोषणा की है। इस फैसले से प्रदेश की 1.25 लाख से अधिक आंगनबाड़ी बहनों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है।
501 रुपये सीधे खाते में – रक्षाबंधन की मिठास सरकार से
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से राज्य की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को रक्षाबंधन से पहले ₹501 की सम्मान राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यह राशि इस त्योहार को और खास बनाने के उद्देश्य से दी जा रही है।
राजस्थान रोडवेज में 2 दिन की मुफ्त यात्रा – तोहफे में स्वतंत्रता
सरकार ने यह भी आदेश दिए हैं कि रक्षाबंधन के अवसर पर आंगनबाड़ी बहनों को 2 दिन तक राजस्थान रोडवेज की बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह कदम बहनों को घर जाने और परिवार के साथ त्योहार मनाने के लिए आसान यात्रा देने के लिए उठाया गया है।
मानसून का साथी – हर बहन को मिलेगा एक छाता
सरकार की इस योजना में एक और भावुक पहल जोड़ी गई है – हर आंगनबाड़ी बहन को एक-एक छाता भेंट किया जाएगा। यह न सिर्फ मानसून में उपयोगी साबित होगा बल्कि एक प्रतीकात्मक सम्मान के रूप में भी देखा जा रहा है।
5 अगस्त को ‘आंगनबाड़ी बहन सम्मान दिवस’ – राज्य स्तरीय आयोजन जयपुर में
राज्य सरकार ने इस पहल को और खास बनाते हुए 5 अगस्त को ‘आंगनबाड़ी बहन सम्मान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में एक राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसका नाम रखा गया है – ‘सुरक्षा-सम्मान पर्व’।
इस आयोजन में पूरे राजस्थान से करीब 600 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं भाग लेंगी। इसके अलावा, जिला स्तर पर भी कार्यक्रम होंगे और वहां राज्य स्तरीय आयोजन का सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा।
हर जिले को भेजे गए आदेश – कलेक्टर्स को निर्देश
राज्य सरकार ने इस पूरे आयोजन के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को विशेष निर्देश जारी किए हैं। सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि यह सम्मान केवल जयपुर तक सीमित न रह जाए, बल्कि पूरे राज्य में महसूस किया जा सके।
आंगनबाड़ी बहनें – समाज की रीढ़, न कि सिर्फ कार्यकर्ता
राज्य सरकार की इस पहल के पीछे एक बड़ा संदेश भी छिपा है – आंगनबाड़ी बहनें केवल सेविका नहीं, बल्कि समाज की मजबूत रीढ़ हैं। रक्षाबंधन पर उन्हें यह तोहफा सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और सामाजिक सम्मान भी है।
निष्कर्ष: एक छोटी पहल, बड़ा संदेश
सरकार का यह कदम न सिर्फ एक त्योहार को खास बनाता है, बल्कि सेवा और सम्मान के मूल्यों को भी मजबूत करता है। यह सम्मान उन महिलाओं के लिए है जो दिन-रात समाज की नींव को मजबूत कर रही हैं – बिना थके, बिना रुके।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।