
उम्मेदाबाद | रिपोर्टर – रमेश परमार
जालोर जिले में जवाई संघर्ष को नया मोड़ मिला है। रविवार को शिवसेना (UBT) जालोर की कार्यकारिणी बैठक जवाई नदी के बीच खड़े होकर आयोजित की गई। यह अनोखी बैठक सिर्फ प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि सरकार को यह कड़ा संदेश देने का प्रयास था कि जालोर को उसके जवाई बांध के पानी पर हक़ दिलाना अब टाला नहीं जा सकता।
किसानों के हक़ पर बड़ा ऐलान
बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक सरकार जालोर को उसका हिस्सा तय नहीं करती, तब तक यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
- आहोर के पलासिया गाँव से लेकर सांचौर के जाब गाँव तक “जवाई रथ यात्रा” निकाली जाएगी।
- यह रथ यात्रा जवाई नदी के किनारे-किनारे गांव-गांव जाएगी और लोगों को पानी के हक़ की लड़ाई के लिए जागरूक करेगी।
- शिवसेना नेताओं ने साफ कहा कि जालोर व आहोर के दोनों भाजपा विधायकों को ज्ञापन सौंपा जाएगा और उनसे यह मांग की जाएगी कि वे विधानसभा और सरकार में जवाई का मुद्दा उठाएं।
भाजपा पर नाराजगी
बैठक में इस बात पर गहरी नाराजगी जताई गई कि –
- जालोर और आहोर दोनों सीटों पर भाजपा के विधायक हैं।
- प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है।
फिर भी जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक़ आज तक तय नहीं हुआ।
इंद्रदेव से की प्रार्थना
बैठक का समापन धार्मिक रीति से हुआ। शिवसेना UBT जालोर जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित और अन्य पदाधिकारियों ने जवाई नदी के भीतर खड़े होकर भगवान इंद्रदेव को नारियल अर्पित किया।
सभी ने प्रार्थना की कि जवाई नदी में अच्छी आवक बनी रहे और जालोर के किसानों पर इंद्रदेव की कृपा बनी रहे।
कौन-कौन रहे मौजूद?
बैठक में बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रमुख रूप से मौजूद रहे –
- जोगसिंह राजगुरु – शिवसेना UBT जालोर बैंगलोर प्रवासी संघ इकाई प्रमुख
- मिश्रीमल परिहार – जिला प्रवक्ता
- भीकाराम बाजक – आहोर तहसील उपप्रमुख
- झूमीदेवी बामणिया – इकाई प्रमुख
- भोमाराम राणा – जिला उप प्रमुख
- मांगीलाल साथुआ – उपजिला प्रमुख
- अनवर खान, कैलाश माली, पूनमोज – उप शहर प्रमुख
- और अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं में नरपत मेघवाल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।