
स्थान: जालोर | तारीख: 16 जुलाई 2025
आयोजक: सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति, जालोर
सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति, जालोर द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के पंचम दिवस पर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की दिव्य झांकी प्रस्तुत की गई। कथा स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसागर उमड़ पड़ा और वातावरण में भक्ति की मधुर सुगंध फैल गई।
कथा की शुरुआत भजनों की मधुर गूंज से
“राधे-राधे जपो, चले आएंगे बिहारी…” जैसे भजनों की गूंज ने आरंभ से ही भक्तों को भावविभोर कर दिया। कथावाचक पूज्य स्वामी अभयदास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की विभिन्न लीलाओं का भावपूर्ण एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से वर्णन किया।
स्वामीजी के प्रेरणादायक विचार:
“बालकृष्ण की हर लीला में छुपा है गहन आध्यात्मिक संदेश – प्रेम, निर्भयता और धर्म का सार।“
आज की प्रमुख बाल लीलाएं जो सुनाई गईं:
- पूतना वध लीला: भगवान ने राक्षसी पूतना का उद्धार कर उसे भी मातृत्व का दर्जा दिया।
- शकटासुर वध: झूले में पाँव मारकर नकारात्मकता के प्रतीक शकटासुर का अंत – विश्वास की शक्ति का संदेश।
- त्रिनवर्त वध: वायु रूप में आए राक्षस का नाश कर बालकृष्ण ने मातृत्व की रक्षा की।
- नामकरण एवं बटु लीलाएं: गोपाल के नामकरण से लेकर उनके गौ-सेवा, बाल लीलाओं और सखाओं के संग खेलों का सुंदर वर्णन हुआ।
भजन संध्या में भक्ति रस की वर्षा:
- “कान्हा रे, नटखट नंदलाला रे…”
- “चलो मन वृंदावन धाम…”
- “माखन चोर, नंदकिशोर, बंसी वाला जय कन्हैयालाल की…”
श्रद्धालुओं ने तालियों की गूंज और भाव-विभोर मन से इस भक्ति पर्व को जीवंत किया।
विशेष आयोजन एवं सेवा कार्य:
- 56 भोग अर्पण: भक्तमंडल की माताओं-बहनों ने प्रेमपूर्वक घर-घर से भोग लाकर ठाकुरजी को समर्पित किया।
- व्यासपीठ पूजा: भामाशाह श्री हनुमानराम घांची एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा विधिपूर्वक पूजन किया गया।
- मंच संचालन: वृंदावनधाम से पधारे सुशील कौशिक जी ने सुंदर और भावपूर्ण शब्दों में मंच का संचालन किया।
गणमान्यजनों की गरिमामयी उपस्थिति:
नंदकिशोर जेतलिया, दामोदर भूतड़ा, कानाराम मेघवाल, रवि सोलंकी, गजेन्द्र सिंह सिसोदिया, दिनेश महावर, दिलीप सोलंकी, श्रीकांत भूतड़ा, रतन सुथार, महेश भट्ट, अशोक गुर्जर, दिलीप भट्ट, केशव महेश्वरी, रमेश मेघवाल, सुरेश सुंदेशा, भागीरथ गर्ग, मयंक देवड़ा, गोपाल जोशी, विजय राज चौहान, ओमप्रकाश आर्य, मनमोहन गर्ग, जोगाराम मीणा, सुशीला सैन, उर्मिला दर्जी, संतोष परिहार, गीता बारोट, मेथी देवी, मंजू भूतड़ा सहित शहर की अनेक प्रतिष्ठित माताएं, बहनें एवं नागरिक उपस्थित रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।