जालोर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की दिव्यता से गूंजा श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का चौथा दिन

By Shravan Kumar Oad

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Krishna Janmotsav 2025 at Jalore Bhagwat Katha Swami Abhaydas Ji delivers spiritual discourse Shrimad Bhagwat Katha highlights

जालोर, 15 जुलाई 2025
(प्रेस विज्ञप्ति – सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति)

सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति, जालोर द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के चौथे दिन की शुरुआत श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण श्रीकृष्ण आराधना से हुई। कथा वाचन कर रहे युवाचार्य पूज्य स्वामी अभयदास महाराज ने इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की दिव्य कथा और बाल लीलाओं का अत्यंत भावपूर्ण और आध्यात्मिक वर्णन किया।

श्रीकृष्ण जन्म: धर्म की पुनर्स्थापना का शंखनाद

स्वामी अभयदासजी ने श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए कहा:

“भगवान श्रीकृष्ण सम्पूर्ण ब्रह्मांड के नायक हैं। उनका जन्म अधर्म के नाश और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए हुआ।”

जैसे ही मथुरा की कारा में श्रीकृष्ण ने जन्म लिया, प्रकृति हर्ष से खिल उठी। वासुदेवजी ने जब उन्हें टोकरी में उठाकर यमुना पार कर गोकुल पहुँचाया, तब यह सिर्फ एक बालक का नहीं, धर्म का नवजन्म था।

जालोर की भूमि: श्रद्धा, शौर्य और संस्कृति का संगम

स्वामीजी ने विशेष रूप से जालोर की मातृशक्ति और संस्कृति को नमन करते हुए कहा:

“यह भूमि केवल धर्मभूमि नहीं, शौर्य और करुणा की भी प्रतीक है।”
“कल रात मैंने बायोसा माताजी और खिमज माताजी के दर्शन किए – यह अनुभव अविस्मरणीय रहा।”

आयोजन में राजनीतिक और सामाजिक सहभागिता

इस अवसर पर राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक एवं जालोर विधायक माननीय श्री जोगेश्वर गर्ग ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा:

“ऐसे धार्मिक आयोजन समाज को आध्यात्मिक ऊर्जा देते हैं और एकता की भावना को मजबूत करते हैं।”

कथा की विशेषताएं:

  • सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा में भाग लेकर आध्यात्मिक पुण्य अर्जित किया।
  • कथा पांडाल को झूलों, पालनों और पुष्प सज्जा से सुसज्जित किया गया था।
  • भक्तों ने “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की” के जयघोष के साथ कथा का आनंद लिया।

मंच संचालन: वृंदावन से पधारे सुशील कौशिक
मीडिया प्रभारी: एडवोकेट सुरेश सोलंकी

आयोजन में उपस्थित विशिष्टजन:

इस अवसर पर दीपसिंह धनाणी, रामकुमार भूतड़ा, भवानी सिंह धाँधिया, कानाराम मेघवाल, रवि सोलंकी, दिनेश महावर, दिलीप सोलंकी,रतन सुथार,महेश भट्ट, दिलीप भट्ट,केशव महेश्वरी,रमेश मेघवाल, भागीरथ गर्ग, अचल सिंह परिहार, मयंक देवड़ा,गोपाल जोशी, विजय राज चौहान, मनमोहन गर्ग, जबराराम माली,जोगाराम मीणा,सुशीला सैन,उर्मिला दर्जी, संतोष परिहार,गरीशमा,गीता बारोट,मेथी देवी,रितु टाक,सपना बजाज, मंजू भूतड़ा,कविता शर्मा,रम्भा देवी,लक्ष्मी कंवर,उर्मिला गोराना सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध नागरिक, माताएं-बहनें एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

निष्कर्ष:

इस पावन आयोजन ने जालोर की आध्यात्मिक चेतना को पुनः प्रज्वलित किया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा न केवल मन को आनंदित करती है, बल्कि समाज को धर्म, भक्ति और संस्कृति से जोड़ती है।

📌 संपर्क:
एडवोकेट सुरेश सोलंकी
मीडिया प्रभारी, सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति, जालोर

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