
छठे दिवस की कथा में युवाचार्य अभयदास महाराज ने किया अध्यात्म का मधुर संचार
जालोर, 17 जुलाई 2025
सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति, जालोर के तत्वावधान में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के छठे दिन का आयोजन गुरुवार को भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति की त्रिवेणी के रूप में संपन्न हुआ।
महोत्सव की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण एवं रुक्मणि जी के प्रेम प्रसंग की मधुर कथा से हुई, जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथावाचक युवाचार्य पूज्य स्वामी अभयदास महाराज ने किशोर श्रीकृष्ण की लीलाएं, विवाह प्रसंग और धर्म-संरक्षण की भूमिका को संगीत, शास्त्र और भक्ति के संगम से सजाकर प्रस्तुत किया।
रुक्मणि विवाह की मनोहारी झांकी
इस विशेष अवसर पर श्रीकृष्ण-रुक्मणि विवाह की भव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसमें पारंपरिक बैंड-बाजे और घोड़े पर सवार बारातियों संग श्रीकृष्ण का विवाह दृश्य जीवंत हो उठा। श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ इसका स्वागत किया।
पूजा-अर्चना व व्यासपीठ पूजन
पूजन कार्य मंत्रोच्चारण के साथ राकेश शास्त्री एवं ललित ठाकुर द्वारा कराया गया, वहीं व्यासपीठ की पूजा भामाशाह हनुमानराम घांची एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा पूर्ण विधि-विधान से की गई, जिससे वातावरण और अधिक भक्तिमय हो गया।
भावपूर्ण मंच संचालन
मंच संचालन श्री सुशील कौशिक (वृंदावनधाम) द्वारा अत्यंत सरस, काव्यात्मक एवं भावनात्मक शैली में किया गया, जिसे श्रद्धालुओं ने अत्यंत सराहा।
समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस पुण्य अवसर पर भवानीसिंह धांधिया, कानाराम मेघवाल, नंदकिशोर जेतलिया, रवि सोलंकी, गजेन्द्र सिंह सिसोदिया, दिनेश महावर, दिलीप सोलंकी, श्रीकांत भूतड़ा, महेश भट्ट, अशोक गुर्जर, रतन सुथार, रमेश मेघवाल, सुरेश सुंदेशा, मयंक देवड़ा, गोपाल जोशी, हेमेंद्रसिंह बगेड़िया, सहित सैकड़ों श्रद्धालुजन, माताएं-बहनें एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।
समापन संदेश
एडवोकेट सुरेश सोलंकी, मीडिया प्रभारी – सनातन धर्म चातुर्मास सेवा समिति, जालोर ने बताया कि यह कथा महोत्सव न केवल भक्ति का केंद्र बन गया है, बल्कि जालोर में सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक समरसता का भी संदेश दे रहा है।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।