विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025: हर वोट की गारंटी, हर संशय का समाधान

By Shravan Kumar Oad

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जयपुर।
राजस्थान में लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने की दिशा में निर्वाचन विभाग ने “विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान-2025” की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में इस अभियान को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें जोधपुर संभाग के सभी ज़िले और उनके निर्वाचन अधिकारी व अधीनस्थ कर्मचारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

राज्यव्यापी अभियान: पारदर्शिता और प्रशिक्षण है पहली प्राथमिकता

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने स्पष्ट कहा कि इस अभियान का उद्देश्य न सिर्फ मतदाता सूची का सटीक पुनरीक्षण करना है, बल्कि जनता के मन में उठ रहे संशयों को दूर करना भी है।
महाजन ने बताया कि सभी जिलों को अगले सप्ताह “अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों” (FAQs) की एक सूची भेजी जाएगी, ताकि मतदाताओं को सही और स्पष्ट जानकारी दी जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन प्रश्नों के उत्तर पूरी तरह आत्मसात करें और हर पार्टी प्रतिनिधि को भी इन्हें विस्तार से समझाएं।

डिजिटल मोड पर फोकस, युवा वोटर्स पर टारगेट

महाजन ने खासतौर पर युवा मतदाताओं को जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए जागरूकता अभियान चलाना बेहद जरूरी है। इससे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) पर भौतिक फॉर्म की बोझ भी कम होगा और विभाग का समय भी बचेगा।

जनसंपर्क और सुविधाएं: हेल्प डेस्क से हर वोटर को मिलेगा जवाब

अभियान के दौरान हॉस्पिटल, स्कूल-कॉलेज, सार्वजनिक स्थलों पर हेल्प डेस्क लगाने की योजना है। इन डेस्क पर ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी जो नियमों के अनुसार मतदाताओं के सवालों का सही जवाब दे सकें।

बूथ रिऑर्गेनाइजेशन: पारदर्शिता और राजनीतिक दलों की भूमिका

बूथ पुनर्गठन को लेकर निर्वाचन विभाग पूरी तरह सजग है। महाजन ने निर्देश दिए कि यह कार्य राजनीतिक दलों की जानकारी और पारदर्शिता के साथ ही किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को इस विषय में संवेदनशीलता बरतने की भी सलाह दी।

ट्रेनिंग का विस्तृत कार्यक्रम: चुनावी तैयारियों की रीढ़

  • 2 जुलाई 2025: सभी मास्टर ट्रेनर, डिप्टी डीईओ और ईआरओ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रशिक्षित किया गया।
  • 3 से 15 जुलाई: प्रदेश भर के बीएलओ को छोटे बैचों में प्रशिक्षण दिया गया।
  • 16, 18 और 21 जुलाई: 271 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जो आगे जिलों में बाकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे।

निष्कर्ष: भरोसे का अभियान, लोकतंत्र की दिशा में ठोस कदम

“हर वोट की अहमियत है। और हर मतदाता का भरोसा जरूरी है।”
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के इस कथन के साथ राजस्थान का चुनावी ढांचा एक बार फिर सक्रिय और सतर्क हो गया है।
यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सिर्फ सूची अपडेट करने का प्रयास नहीं, बल्कि जनविश्वास को फिर से मजबूत करने की पहल है।

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